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Business on Diwali: Demand for indigenous goods increases on Diwali, artisans and producers show great enthusi
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Business on Diwali: दिवाली पर स्वदेशी वस्तुओं की मांग तेज, कारीगरों-उत्पादकों में दिखा भारी उत्साह
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Tue, 14 Oct 2025 03:04 PM IST
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इस दिवाली, भारतीय बाजारों में स्वदेशी वस्तुओं की मांग में अभूतपूर्व तेजी देखी जा रही है, जिसका सीधा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी पहलों को दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा बार-बार देशवासियों से स्थानीय उत्पादों को खरीदने और बढ़ावा देने की अपील का असर जमीन पर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है, जिससे छोटे कारीगरों, कुम्हारों और स्थानीय व्यापारियों के चेहरों पर रौनक लौट आई है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुमान के मुताबिक, इस त्योहारी सीजन में भारतीय बाजारों में रिकॉर्ड तोड़ बिक्री होने की संभावना है, जिसमें बड़ा हिस्सा स्वदेशी उत्पादों का है। यह रुझान न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है, बल्कि स्थानीय कला और शिल्प को भी एक नई संजीवनी दे रहा है।
इस दिवाली पर सबसे अधिक सकारात्मक प्रभाव मिट्टी के दीये बनाने वाले कुम्हारों पर पड़ा है। पिछले कई वर्षों से चीनी लाइटों और सजावटी सामानों की चकाचौंध में फीके पड़ते पारंपरिक दीयों की मांग में इस साल जबरदस्त उछाल आया है। प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद लोगों में मिट्टी के दीयों और पारंपरिक सजावटी सामानों के प्रति रुझान बढ़ा है। इससे न केवल कुम्हारों की आय में वृद्धि हुई है, बल्कि इस पारंपरिक कला को भी प्रोत्साहन मिला है।
इसके अलावा, खादी, हथकरघा उत्पाद, स्थानीय हस्तशिल्प, पारंपरिक मिठाइयां और पूजा सामग्री की बिक्री में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। ग्राहक अब 'मेड इन इंडिया' टैग वाले उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो भारतीय निर्माताओं के लिए एक बड़ा संबल है।
देशभर के बाजारों में इस बदलाव को लेकर खासा उत्साह है। व्यापारियों का कहना है कि ग्राहक अब चीनी उत्पादों की जगह भारतीय विकल्पों की मांग कर रहे हैं। 'वोकल फॉर लोकल' अभियान ने एक जन आंदोलन का रूप ले लिया है, जिससे घरेलू बाजार को एक नई गति मिली है। कई व्यापारी संघों ने भी प्रधानमंत्री की इस अपील का समर्थन करते हुए केवल भारतीय सामान बेचने का संकल्प लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न मंचों से, विशेषकर अपने 'मन की बात' कार्यक्रम के माध्यम से, लगातार देशवासियों से त्योहारों के दौरान स्थानीय उत्पाद खरीदने का आग्रह करते रहे हैं। उनका मानना है कि जब हर नागरिक स्थानीय उत्पादों पर गर्व करेगा और उन्हें खरीदेगा, तो इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि उन अनगिनत कारीगरों और छोटे उद्यमियों का भी जीवन रोशन होगा जो इन उत्पादों को बनाते हैं।
कुल मिलाकर, इस दिवाली पर स्वदेशी वस्तुओं की बढ़ी हुई मांग प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी अपील और देशवासियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया का एक सशक्त उदाहरण है। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश की आर्थिक प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखता है।
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