हरिणाया के बहादुरगढ़ में स्टॉकयार्ड में भारी जलभराव के कारण कई कारें डूब गईं हैं। पंजाब के बाद अब हरियाणा में भी बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है। बारिश और नदियों के उफान में कमी आने के बावजूद हरियाणा के आठ जिलों को जलभराव से कोई राहत नहीं मिल पाई है। कैथल, सिरसा व हिसार में घग्गर नदी व ड्रेन ओवरफ्लो होकर तबाही मचा रही हैं जबकि फरीदाबाद में यमुना व कुरुक्षेत्र में मारकंडा खतरे के निशान पर बह रही है।
शनिवार को पांचों जिलों में तीन तटबंध, दो-दो ड्रेनें व माइनर, एक छोटा बांध टूट गया। इससे 100 से अधिक गांवों में पानी भर गया और हजारों एकड़ फसल प्रभावित हुई है। इसके अलावा सोनीपत, करनाल और यमुनानगर में लगातार भूमि कटाव हो रहा है। इससे लोगों की फसलें व भूमि पानी के साथ बह रही है। प्रदेश में 2,748 गांवों में लोग पहले ही जलभराव का दंश झेल रहे हैं। इस बीच अंबाला में दो लोग बरसाती नदी में बह गए जबकि एक बच्चे की खेतों में टांगरी नदी का पानी भरने से मौत हो गई। पुलिस के अनुसार अंबाला में पंजाब की सीमा से सटे भुनी गांव में खेतों में जलभराव में पांच बच्चे नहाने चले गए। चार को तो बचा लिया गया जबकि एक बच्चा लापता हो गया।
बाढ़ की वजह से हरियाणा में अब तक 24 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। 1.92 लाख किसानों की 11 लाख एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है। पलवल, फरीदाबाद, फतेहाबाद, भिवानी, कुरुक्षेत्र व अंबाला में 2,247 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। प्रदेश में नदियों के पानी और बारिश के कारण हुए जलभराव के कारण हालात खराब हैं। नदियों के टूटते किनारे और जिलों में ओवरफ्लो होकर टूटती ड्रेनें लोगों की उम्मीदों को भी तोड़ रही हैं। इनके कारण खेतों में पानी भरने से जहां किसानों की फसलें खराब हो रही हैं, वहीं रिहायशी क्षेत्र में भी जलभराव से लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।