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What did the lawyers say now on Mahmood Madani's statement? | Gyanvapi | Kashi | Mathura |
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Mahmood Madani के बयान पर वकीलों ने अब क्या बोला? | Gyanvapi | Kashi | Mathura |
वीडियो डेस्क, अमर उजाला Published by: तन्मय बरनवाल Updated Sun, 07 Sep 2025 12:32 AM IST
जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने शुक्रवार को कहा कि मुस्लिम समुदायों एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच बातचीत होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने संवेदनशील धार्मिक मुद्दों पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हाल के बयान का स्वागत किया। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में इस्लामिक विद्धान ने कहा कि इस बारे में उनका संगठन पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर चुका है। इस प्रस्ताव में धार्मिक मुद्दों पर बने मतभेदों को बातचीत से दूर करने के प्रयासों पर जोर दिया गया है। मदनी ने कहा, 'बहुत सारे किंतु और परंतु हैं...मेरे संगठन ने प्रस्ताव पारित किया। इसमें बातचीत करने पर जोर दिया गया। धार्मिक मुद्दों पर मतभेद हैं लेकिन हमें इन्हें कम करने की जरूरत है।
हम बातचीत के सभी प्रयासों का समर्थन करेंगे। आरएसएस प्रमुख ने हाल ही में ज्ञानवापी, मथुर और काशी के बारे में बयान दिया। मुस्लिम समुदाय से बात करने की उनकी कोशिश एवं प्रयासों की सराहना एवं प्रशंसा होनी चाहिए। हम सभी तरह की बातचीत का समर्थन करेंगे।' अब इसी बयान पर हिन्दू पक्ष ने भी जवाब दिया है ज्ञानवापी मामले में महमूद मदनी के बयान पर ज्ञानवापी मामले से जुड़े वकीलों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सच में संवाद करना चाहते हैं या कार्यवाही में रुकावट में पैदा करना चाहते है। बता दे की मदनी ने कहा, 'बहुत सारे किंतु और परंतु हैं...मेरे संगठन ने प्रस्ताव पारित किया। इसमें बातचीत करने पर जोर दिया गया। धार्मिक मुद्दों पर मतभेद हैं लेकिन हमें इन्हें कम करने की जरूरत है। हम बातचीत के सभी प्रयासों का समर्थन करेंगे। आरएसएस प्रमुख ने हाल ही में ज्ञानवापी, मथुर और काशी के बारे में बयान दिया। मुस्लिम समुदाय से बात करने की उनकी कोशिश एवं प्रयासों की सराहना एवं प्रशंसा होनी चाहिए। हम सभी तरह की बातचीत का समर्थन करेंगे।'
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