बिहार विधानसभा चुनाव की बड़ी सूचनाएं आने लगी हैं। सबसे पहली सूचना यह कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाला महागठबंधन नहीं, बल्कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन- इंडिया का नाम चलेगा। दूसरी बात यह कि लोकसभा चुनाव के समय से भटकते रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को आखिरकार इस विपक्षी गठबंधन का सहारा मिल गया है। तीसरी बात यह कि झारखंड मुक्ति मोर्चा भी विपक्षी गठबंधन- इंडिया की सीट शेयरिंग में एक दल बन गया है। और, चौथी सूचना कि इस महीने की 15 तारीख तक इस गठबंधन में सीटें तय करने के लिए सहमति बन गई है।
महागठबंधन में बाहरी दल नहीं थे, इंडिया में नए दल
बिहार में लोकसभा चुनाव लड़ते समय महागठबंधन था। उसके पहले, पटना में ही विपक्षी दलों की पहली बैठक हुई थी। फिर बैठकों के कई दौर के बाद INDIA नाम फाइनल हुआ। विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार नीतीश कुमार के उसे छोड़ने की एक वजह यह नाम भी बताई गई थी कि इसपर आपत्ति थी। महागठबंधन की बैठकों में 'इंडिया महागठबंधन' भी कहा जाता रहा। पिछले दिनों जब पटना में राहुल गांधी की यात्रा थी तो इंडिया के दलों का जुटान हुआ और इसमें यूपीए, महागठबंधन और इंडिया- तीनों नाम मंच से सुनाई देते रहे। महागठबंधन मूलत: राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाला गठबंधन है, जबकि इंडिया का नेतृत्व कांग्रेस के पास है। शनिवार को महागठबंधन की बैठक के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने एलान किया कि बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा भी विपक्षी गठबंधन- इंडिया के साथ सीटें बांटकर उतरेगा।
बिहार में 243 सीटें, झामुमो की इच्छा 16 सीटों की
राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में आए झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख हेमंत सोरेन ने राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने झारखंड पहुंचकर बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने का संकेत दिया था। बताया जा रहा है कि झामुमो ने बिहार की 16 विधानसभा सीटों- कटोरिया, चकाई, ठाकुरगंज, कोचाधामन, रानीगंज, बनमनखी, धमदाहा, रुपौली, प्राणपुर, छातापुर, सोनवर्षा, झाझा, रामनगर, जमालपुर, तारापुर, मनिहारी पर उतरने की इच्छा जताई है।
पशुपति कुमार पारस की पार्टी को अंतत: मिला ठिकाना
लोकसभा चुनाव के दौरान दिवंगत राम विलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस ने महागठबंधन के भरोसे में रहकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन छोड़ दिया था। चुनाव निकल गया, लेकिन वह न उधर के रहे और न इधर के। पिछले दिनों वह राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से भी मिले थे। तेजस्वी यादव से भी बात कर रहे थे। लेकिन, अब बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने घोषणा की कि पशुपति कुमार पारस की पार्टी- राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी भी विपक्षी गठबंधन के साथ सीटें बांटते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सामने ताल ठोकेगी।
सीटों पर अभी कोई गतिरोध नहीं, 15 तक सारा फैसला
बिहार में विपक्षी गठबंधन- इंडिया की सीटों का बंटवारा 15 सितंबर तक कर लिए जाने का दावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने किया। सीटों के लिए दबाव बनाने के कारण मीडिया में चर्चित रहे विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी ने भी शनिवार की बैठक के बाद कहा कि सीट बंटवारे पर सबकुछ सहजता से हो रहा है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में चुनाव लड़ा जाएगा। सीटों का बंटवारा भी समय पर हो जाएगा। इस सवाल का जवाब किसी दल के नेता ने नहीं दिया कि कांग्रेस की ओर से तेजस्वी यादव के नेतृत्व को लेकर बयान क्यों नहीं आ रहा है?
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