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If shopkeepers do not reduce prices even after GST cut, then complain here.
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GST में कटौती के बाद भी दुकानदार नहीं घटाए दाम तो ऐसे यहां करें शिकायत
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Sat, 20 Sep 2025 08:40 AM IST
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देश की आम जनता को केंद्र सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है। जीएसटी (GST) काउंसिल के हालिया फैसले को लागू करने के लिए केंद्र ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में जीएसटी की नई दरें लागू होंगी। यह बदलाव ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार टैक्स स्ट्रक्चर को इतना सरल किया गया है।
चार की जगह सिर्फ दो दरें
अब तक देश में जीएसटी की चार दरें थीं— 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। लेकिन 3 सितंबर 2025 को हुई काउंसिल की बैठक में फैसला हुआ कि चार दरों की जगह केवल दो दरें रह जाएंगी। नई व्यवस्था में सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत का स्लैब लागू होगा। इससे टैक्स स्ट्रक्चर न केवल सरल होगा बल्कि उपभोक्ताओं को राहत भी मिलेगी।
किन सामानों पर असर पड़ेगा?
सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक, रोजमर्रा की कई चीजें अब सस्ती हो जाएंगी। इनमें तेल, साबुन, शैंपू, दूध, मक्खन, घी जैसी जरूरी वस्तुएं शामिल हैं। वहीं टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, बाइक और कार जैसे बड़े प्रोडक्ट भी नई दरों के हिसाब से सस्ते होंगे। सरकार का दावा है कि इस बदलाव से न सिर्फ महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर दिखेगा।
उपभोक्ताओं की सबसे बड़ी चिंता
हालांकि, आम लोगों के मन में एक बड़ा सवाल यह है कि अगर दुकानदार या कंपनी नई दरों के हिसाब से दाम कम नहीं करती तो क्या किया जाए? अक्सर देखा गया है कि टैक्स घटने के बावजूद दुकानदार पुराने दाम पर ही सामान बेचते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने कई विकल्प दिए हैं, जिनके जरिए उपभोक्ता सीधे शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
शिकायत करने के आसान तरीके
1. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH):
उपभोक्ता टोल-फ्री नंबर 1800-11-4000 या 1915 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा WhatsApp पर 8800001915 नंबर पर भी शिकायत भेजी जा सकती है।
2. वेबसाइट:
National Consumer Helpline की ऑफिशियल वेबसाइट consumerhelpline.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज की जा सकती है। इसके लिए सबसे पहले साइन अप करना होगा, फिर Register Grievance सेक्शन में जाकर पूरी जानकारी और डॉक्यूमेंट्स अपलोड करके शिकायत सबमिट करनी होगी। शिकायत के बाद एक डॉकेट नंबर मिलता है जिससे आप मामले की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
3. मोबाइल ऐप और UMANG ऐप:
NCH मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से डाउनलोड करके शिकायत दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा UMANG ऐप में भी Consumer Complaints का ऑप्शन मौजूद है।
कंज्यूमर फोरम तक मामला ले जाने का विकल्प
अगर आपकी शिकायत का समाधान NCH या कंपनी/दुकानदार स्तर पर नहीं होता है, तो आप कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटा सकते हैं। खास बात यह है कि अब आपको कंपनी या दुकानदार के शहर में जाकर केस दर्ज करने की जरूरत नहीं है। आप अपने शहर या राज्य के किसी भी कंज्यूमर फोरम में मामला दर्ज करा सकते हैं।
फोरम की जानकारी आपको NCH की वेबसाइट के Forums सेक्शन में मिल जाएगी। यहां जाकर आप अपने शहर के फोरम की डिटेल्स निकाल सकते हैं और औपचारिक तौर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
केंद्र सरकार का कहना है कि जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाना ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ‘ईज ऑफ लिविंग’ दोनों के लिए अहम कदम है। सरकार चाहती है कि टैक्स व्यवस्था पारदर्शी बने और उपभोक्ता को उसका सीधा लाभ मिले। यही वजह है कि लोगों को शिकायत दर्ज कराने के लिए कई विकल्प दिए गए हैं, ताकि कोई दुकानदार या कंपनी नए नियमों को नजरअंदाज न कर सके।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि नई दरों से न केवल उपभोक्ता को राहत मिलेगी बल्कि बाजार में भी सकारात्मक संदेश जाएगा। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि यदि दुकानदार या कंपनियां इस लाभ को तुरंत पास ऑन नहीं करतीं तो उपभोक्ताओं को सक्रिय होकर शिकायत दर्ज करनी होगी।
22 सितंबर के बाद देशभर में नई दरें लागू होंगी। अब देखना यह होगा कि जनता को इसका लाभ कितना जल्दी और किस स्तर तक मिलता है। सरकार ने अपना काम पूरा कर दिया है, अब बारी दुकानदारों और कंपनियों की है कि वे इस राहत को जमीन पर उतारें। उपभोक्ताओं के पास भी अब मजबूत विकल्प हैं— हेल्पलाइन, ऐप और कंज्यूमर फोरम। यानी अगर राहत नहीं मिली तो शिकायत जरूर मिलेगी।
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