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Jagdeep Dhankad Resigns: This is the inside story behind the resignation of the Vice President. Amar Ujala
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Jagdeep Dhankad Resigns: उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के पीछे ये है इनसाइड स्टोरी। Amar Ujala
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Wed, 23 Jul 2025 09:25 AM IST
जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर सरकार उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की अतिसक्रियता से असहज तो थी, पर बात इस्तीफे तक पहुंच जाएगी, इसकी भनक नहीं थी। राज्यसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ सोमवार को धनखड़ ने जिस तरह बिना किसी चर्चा के विपक्ष का नोटिस स्वीकार किया, उससे सरकार बेहद नाराज थी। इसी नाराजगी के चलते, सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सोमवार को दूसरी बार बुलाई गई कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक से दूर रहे।सूत्रों ने बताया कि खराब स्वास्थ्य के कारण धनखड़ बीते कुछ महीने से पद छोड़ने का मन बना रहे थे। इसी बीच, न्यायपालिका पर उनके लगातार हमले और संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी व धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़े जाने के मामले में तीखा मोर्चा खोलने से भी सरकार असहज थी। किसानों के मुद्दे पर कई मौकों पर उनके तीखे बोल से भी सरकार सहमत नहीं थी, पर उसकी ओर से पद छोड़ने के लिए नहीं कहा गया था।
सूत्रों के मुताबिक, धनखड़ को पता था कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार मामले में कड़ा संदेश देने के लिए सरकार अपनी ओर से लोकसभा में जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने वाली है। सरकार की पहल पर सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष को 152 सांसदों के हस्ताक्षर वाला नोटिस भी दिया गया था। इसी बीच, राज्यसभा में विपक्ष की ओर से नोटिस दिया जाना और सभापति धनखड़ का उसे बिना किसी पूर्व चर्चा के स्वीकार करने के निर्णय ने सरकार को बेचैन व नाराज कर दिया था। सोमवार को बीएसी की दो बैठकें हुई। पहली बैठक में किसी विषय पर कोई फैसला नहीं होने पर दूसरी बैठक 4:30 पर बुलाने का फैसला हुआ। हालांकि, इससे पहले करीब चार बजे धनखड़ ने सदन में जस्टिस वर्मा के खिलाफ विपक्ष की ओर से दिए गए नोटिस को स्वीकार करने की घोषणा कर दी। सरकार के सूत्र का कहना है कि चूंकि इस बारे में कोई चर्चा नहीं की गई, ऐसे में बीएसी की दूसरी बैठक में जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता था। दूसरी ओर, सूत्रों का कहना था कि बीएसी की दूसरी बैठक में जब नड्डा और रिजिजू नहीं दिखे, तो धनखड़ ने सवाल उठाया। इस पर, भाजपा सांसद एल मुरुगन ने उन्हें उनकी व्यस्तता की जानकारी दी। इससे धनखड़ नाराज हुए और सवाल उठाया कि उन्हें इस आशय की सूचना क्यों नहीं दी गई?
हालांकि धनखड़ ने अचानक इस्तीफा क्यों दिया, अपना इस्तीफा सोशल मीडिया के जरिए क्यों सार्वजनिक किया, इस पर अब भी सस्पेंस कायम है। मंगलवार को उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है। चूंकि इस्तीफे के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया।विपक्ष ने आरोप लगाया कि इस्तीफा सरकार के दबाव में हुआ है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रकरण के 15 घंटे बाद सोशल मीडिया के जरिए उनके बेहतर स्वास्थ्य की कामना की, जिससे यह संदेश न जाए कि धनखड़ ने किसी दबाव में इस्तीफा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, अब कार्यवाहक सभापति हरिवंश राज्यसभा में महाभियोग के नोटिस पर फैसला लेंगे। चूंकि लोकसभा में सभी पक्षों के 152 सांसदों ने इसी आशय का नोटिस दिया है। ऐसे में सरकार निम्न सदन में महाभियोग की प्रक्रिया आगे बढ़ा सकती है।
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