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London Protest: After Nepal and France, why are people on the streets in London? | AmarUjala
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London Protest: नेपाल और फ्रांस के बाद लंदन में क्यों सड़कों पर लोग? | AmarUjala
वीडियो डेस्क, अमर उजाला Published by: तन्मय बरनवाल Updated Sun, 14 Sep 2025 11:19 AM IST
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नेपाल और फ्रांस के बाद अब विरोध की आग लंदन भी जा पहुंची. नेपाल और फ्रांस में हाल के दिनों में जिस तरह से जनता सड़कों पर उतरी, उसी अंदाज़ में अब ब्रिटेन की राजधानी लंदन भी विरोध प्रदर्शनों से गूंज उठा है। शनिवार को लंदन के सेंट्रल इलाके में ब्रिटेन के हाल के इतिहास का सबसे बड़ा दक्षिणपंथी प्रदर्शन देखने को मिला। ‘यूनाइट द किंगडम’ मार्च के नाम से आयोजित इस रैली में एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए और कहा जा रहा है कि इसमें करीब 10 लाख तक प्रदर्शनकारियों के जुटने की संभावना जताई गई थी। सड़कों पर तिरंगे जैसे लाल सफेद अंग्रेजी झंडों की भरमार थी। लोगों के हाथों में तख्तियां थीं और नारों से पूरा इलाका गूंज रहा था। इस प्रोटेस्ट का आयोजन जाने-माने दक्षिणपंथी नेता टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में किया गया था। अगर पूरे मामले की बात करें तो टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में एक लाख से भी अधिक प्रदर्शकारियों ने एंटी-इमिग्रेशन के खिलाफ मार्च निकाला.
इस दौरान वहां तैनात कुछ पुलिसकर्मियों ने जब इस आंदोलन को रोकना चाहा तो प्रदर्शनकारियों से उनकी झड़प हो गई. इस दौरान कई पुलिस अधिकारियों पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया जिसमें कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए. इसके जवाब में व्यवस्था को काबू में रखने के लिए पुलिस ने अतिरिक्त बलों की तैनाती की जिसमें सिक्योरिटी के साथ घुड़सवारों की टुकड़ियां भी शामिल थीं. प्रदर्शनकारियों में से कई ने डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी “Make America Great Again” वाली लाल टोपी पहन रखी थी और प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। ब्रिटेन में इन दिनों प्रवासन का मुद्दा सबसे बड़ी बहस बना हुआ है. कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था के बावजूद आम जनता की चिंता का केंद्र यही विषय है. आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक 28 हजार से अधिक लोग छोटी नावों के सहारे इंग्लिश चैनल पार कर ब्रिटेन पहुंच चुके हैं. सड़कों पर लाल–सफेद अंग्रेजी झंडों की संख्या बढ़ती जा रही है. समर्थक इसे देशभक्ति का प्रतीक मानते हैं तो वहीं विरोधियों का कहना है कि यह माहौल विदेशी प्रवासियों के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देता है. कुछ प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी और इजराइली झंडे भी लहराए.
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