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Pakistan-Afghanistan War: Both countries agreed to ceasefire, on what basis was the agreement reached?
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Pakistan-Afghanistan War: दोनों देश युद्ध विराम को हुए तैयार, किस बात पर जाकर बन सहमति?
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Sun, 19 Oct 2025 10:42 AM IST
कतर के विदेश मंत्रालय ने आज तड़के ऐलान किया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान कतर के दोहा में आयोजित बातचीत के दौरान युद्धविराम पर सहमती बन गई है. तुर्की की मध्यस्थता में हो रही इस बातचीत का मकसद एक हफ्ते से चल रहे भीषण सीमा संघर्ष को खत्म करना है. इस संघर्ष में दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए हैं.बता दें कियह चर्चा अफगानिस्तान और पाकिस्तान की लड़ाई में दर्जनों लोगों के मारे जाने के बाद हुई है, जो 2021 में काबुल में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से दोनों पड़ोसियों के बीच सबसे खराब टकराव है. अफगान अधिकारियों ने पुष्टि की कि रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब के नेतृत्व में काबुल प्रतिनिधिमंडल ने दोहा वार्ता में भाग लिया, जबकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने तालिबान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा का नेतृत्व किया.क्या है पाकिस्तान का आरोप?
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि बातचीत अफगानिस्तान से पाकिस्तान के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने और पाक-अफगान सीमा पर शांति और स्थिरता बहाल करने के तत्काल उपायों पर केंद्रित थी. हिंसा तब शुरू हुई जब इस्लामाबाद ने अफगानिस्तान से उन आतंकवादियों पर लगाम लगाने की मांग की जो सीमा पार से पाकिस्तान में हमले कर रहे थे. तालिबान ने आतंकवादियों को पनाह देने से इनकार किया और पाकिस्तान पर अफगानिस्तान को अस्थिर करने के लिए गलत सूचना फैलाने और इस्लामिक स्टेट से जुड़े समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाया. इस्लामाबाद ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आतंकवादियों ने पाकिस्तानी सरकार को उखाड़ फेंकने और सख्त इस्लामी शासन लागू करने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया हुआ है.तालिबान सरकार ने शनिवार को कहा था कि अफगान प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख शामिल हैं. वहीं, एक दिन पहले पाकिस्तान ने कहा था कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल शनिवार को दोहा रवाना होगा. हालांकि, उसने कोई अधिक विवरण नहीं दिया.
दोनों देशों का कहना है कि वे एक-दूसरे की आक्रामकता का जवाब दे रहे हैं. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर सीमावर्ती क्षेत्रों में हमले करने वाले आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया है, हालांकि तालिबान ने इस आरोप को खारिज किया है.पाकिस्तान ने 1200 बार अफगानिस्तान में सीमा क्षेत्र का उल्लंघन किया है। साथ ही 710 बार अफगानिस्तान के एयरस्पेस का रूस तोड़ा है। अफगान स्रोतों ने शनिवार को बताया कि पाकिस्तानी सेना ने पिछले चार वर्षों में यह कारनामा किया है। 710 बार अफगान वायुक्षेत्र में घुसपैठ की है। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब दोनों देशों के बीच सीमा पर संघर्ष और बढ़ गया है, जिससे उनके रिश्तों में और तनाव आ गया है। यह सैन्य संघर्ष पिछले सप्ताह अफगानिस्तान में पाकिस्तानी हवाई हमले के बाद शुरू हुआ था। तनाव तब और बढ़ गया जब अफगानिस्तान के तीन क्रिकेट खिलाड़ियों की कथित तौर पर पाकिस्तान ने हवाई हमले में हत्या कर दी। अफगान स्रोतों के अनुसार, कई वर्षों की धैर्य और संयम के बाद अफगानिस्तान ने 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने आत्मरक्षाधिकारी अधिकार का उपयोग करते हुए पाकिस्तानी बलों के खिलाफ सीमित प्रतिशोधी सैन्य अभियान चलाया।
यह अभियान डुरंड रेखा पर पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था।स्रोतों ने कहा कि पिछले चार वर्षों में, पाकिस्तान की सीमा सुरक्षा बलों ने 1,200 से अधिक सीमा उल्लंघन किए और तोपखाने और मोर्टार से गोलीबारी की। 2024 की शुरुआत से अब तक 102 नागरिकों और अफगान सीमा रक्षकों की मौत हो चुकी है और 139 अन्य घायल हुए हैं। पाकिस्तान की सेना ने नूरिस्तान, कुनूर, नंगरहार, खोस्त, पक्तिया और पक्तिका प्रांतों में सैकड़ों एयरस्पेस घुसपैठ के साथ 16 बमबारी की घटनाएं शामिल थीं। इस घटना में 114 पाकिस्तानी क़बीलाई शरणार्थियों, अफगान नागरिकों और अफगान सीमा रक्षकों की मौत हुई। साथ ही दर्जनों घरों और दुकानों को नष्ट कर दिया गया। नागरिकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।"
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