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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को दी धमकी?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Tue, 21 Oct 2025 12:34 PM IST
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे तनाव और लगातार सीमा पार हमलों के बाद आखिरकार दोनों देशों के बीच अस्थायी युद्धविराम समझौता हुआ है। लेकिन इस समझौते की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान ने अब एक बड़ा और सख्त संदेश दिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह युद्धविराम तभी तक जारी रहेगा, जब तक तालिबान अपनी प्रतिबद्धता निभाएगा और आतंकियों को पूरी तरह लगाम लगाएगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सीमा पार से किसी भी प्रकार का आतंकी हमला होता है, तो उसे सीधे तौर पर समझौते का उल्लंघन माना जाएगा और पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।
दोनों देशों के बीच यह ऐतिहासिक समझौता कतर और तुर्किये की मध्यस्थता में दोहा में हुआ। ख्वाजा आसिफ ने बताया कि इस समझौते में साफ-साफ लिखा गया है कि सीमा पार कोई भी गतिविधि या गोलीबारी अस्वीकार्य होगी। उन्होंने कहा, “समझौता तब तक प्रभावी रहेगा जब तक इसका पालन किया जाता है। एक भी उल्लंघन हुआ, तो यह खत्म समझा जाएगा।”
आसिफ ने यह भी कहा कि युद्धविराम का सबसे बड़ा उद्देश्य दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खतरे को समाप्त करना और सीमा इलाकों में स्थिरता बहाल करना है।
अल-जज़ीरा अरबी को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने माना कि आतंकवाद ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों को बुरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, “सीमा पार के इलाके कई वर्षों
से आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बने हुए हैं। हमने यह समझा है कि अगर आतंकवाद को तुरंत खत्म नहीं किया गया, तो पूरा क्षेत्र अस्थिरता का शिकार हो जाएगा।”
उन्होंने बताया कि अगली बैठक अगले हफ्ते इस्तांबुल में होगी, जिसमें युद्धविराम के तकनीकी और सैन्य पहलुओं को अंतिम रूप दिया जाएगा।
ख्वाजा आसिफ ने खुलासा किया कि अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब ने भी यह स्वीकार किया है कि दोनों देशों के बीच तनाव की असली वजह आतंकवाद ही है। मुल्ला याकूब ने पाकिस्तान को भरोसा दिया है कि तालिबान अपने इलाके से किसी भी आतंकी समूह को पाकिस्तान पर हमला करने की अनुमति नहीं देगा।
आसिफ ने कहा, “अगर तालिबान अपने वादे पर कायम रहता है, तो यह न केवल दोनों देशों में स्थायी शांति लाएगा बल्कि सीमा पर स्थिरता भी लौटेगी।”
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि अगर युद्धविराम कायम रहता है, तो दोनों देशों के बीच व्यापार और ट्रांजिट समझौते फिर से शुरू किए जाएंगे। अफगानिस्तान को पाकिस्तान के बंदरगाहों तक पहुंच मिलेगी, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को बड़ी राहत मिल सकती है।
उन्होंने कहा, “यह समझौता सिर्फ आतंकवाद पर प्रहार नहीं करेगा बल्कि दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को भी मजबूत बनाएगा।”
गौरतलब है कि 2023 से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण रहे हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हमलों ने इस तनाव को और बढ़ाया। पिछले महीने खैबर पख्तूनख्वा के ओरकजई जिले में हुए आतंकी हमले में एक लेफ्टिनेंट कर्नल, एक मेजर समेत 11 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। पाकिस्तान ने इसके लिए अफगान सीमा के आतंकी नेटवर्क को जिम्मेदार ठहराया था।
इस घटना के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ कूटनीतिक स्तर पर कड़ी बातचीत शुरू की, जिसके बाद अब यह समझौता हुआ है।
फिलहाल यह युद्धविराम दोनों देशों के लिए राहत की खबर है, लेकिन ख्वाजा आसिफ के शब्द साफ हैं “अगर एक भी सीमा उल्लंघन हुआ, तो यह समझौता खत्म समझा जाएगा।” यानी आने वाले हफ्तों में दुनिया की नजरें इस बात पर होंगी कि क्या तालिबान अपने वादे पर कायम रहता है या अफगान सीमा फिर किसी नए संघर्ष का मैदान बनती है।
दोनों देशों के लिए यह पल निर्णायक है या तो स्थायी शांति की शुरुआत होगी, या पुरानी दुश्मनी फिर से सिर उठाएगी।
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