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Punjab Flood Update: Punjab is in trouble due to floods! This is the situation there now | AmarUjala | Flood
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Punjab Flood Update: पंजाब में बाढ़ से त्राहिमाम! अब ऐसे है वहां के हालात | AmarUjala | Flood
वीडियो डेस्क, अमर उजाला Published by: तन्मय बरनवाल Updated Fri, 12 Sep 2025 05:48 PM IST
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पंजाब में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है। जैसे-जैसे तबाही के निशान सामने आ रहे हैं लोगों के जख्म भी उभरने लगे हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें सब कुछ दोबारा खड़ा करना होगा। फसल, घर व कारोबार सब बर्बाद हो चुका है। अब उन्हें सरकार से मदद की दरकार है। पंजाब में ग्रामीणों को सतलुज दरिया में आई बाढ़ गहरे जख्म दे गई है। धान की फसल पानी में डूबने के चलते पूरी तरह खराब हो गई है। गांवों की सड़कें टूट गई हैं। पानी के बहाव में कई मकान गिर चुके हैं। घरों के अंदर कीचड़ भर गया है। लोग मकानों की छतों पर तिरपालें लगाकर रहने को मजबूर हैं।
आपको बता दे की 17 गांवों में से पानी उतर चुका है। अब लोगों को और कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सड़कें जगह-जगह से टूट चुकी हैं, कई गांव एक-दूसरे से कट चुके हैं। लोगों के घरों में दो से तीन फीट कीचड़ भर गया है। ऐसी स्थिति में लोग मकानों की छतों पर तिरपाल लगाकर रहने को मजबूर हैं। कई लोगों के घर गिर गए हैं, वे लोग गांव में सुरक्षित जगहों पर टेंट लगाकर रह रहे हैं। पानी में डूबी धान की फसल बुरी तरह नष्ट हो चुकी है। दूर-दूर तक बर्बाद धान की फसल दिखाई पड़ती है। बीएसएफ के बंकर पानी में ध्वस्त हो गए हैं। दोनों गांवों की लगभग डेढ़ सौ एकड़ जमीन सतलुज दरिया में समा गई है। पाकिस्तान से भारत में आने वाले दरिया का आकार बहुत बड़ा हो गया है। उक्त गांव के कई घर दरिया में समा गए हैं। अब भी टेंडी वाला और कालू वाला की तरफ दरिया की मरम्मत नहीं कराई गई तो आने वाले समय में इनका नाम ही रह जाएगा। ये दोनों गांव दरिया में समा जाएंगे।जिस तरह पाकिस्तान से पानी सतलुज दरिया में गिर रहा है टेंडी वाला की लगभग बीस एकड़ जमीन और दरिया निगल जाएगा।
अमृतसर के सीमांत सेक्टर अजनाला का ऐतिहासिक गांव चमियारी, कभी स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य और जन संघर्षों में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने के लिए जाना जाता था। आज यह अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। बीते दिनों रावी दरिया के रौद्र रूप और मूसलाधार बारिश ने इस गांव की तस्वीर ही बदलकर रख दी है। रावी का पानी तो अब उतर चुका है लेकिन यह अपने पीछे तबाही के गहरे निशान छोड़ गया है। इससे यहां के लोग एक अनकहे डर और भविष्य की चिंता में जी रहे हैं। गांव में प्रवेश करते ही बाढ़ की भयावहता का मंजर साफ दिखाई देता है। जो सड़कें कभी गांव को मुख्य मार्गों से जोड़ती थीं वे आज गड्ढों और दरारों से भरी पड़ी हैं। उनका अस्तित्व लगभग मिट चुका है। गांव की गलियों में अब पानी की जगह घुटनों तक गाद है। इससे बच्चों और बुजुर्गों का घर से निकलना दूभर हो गया है। चारों ओर फैली गंदगी और सड़ांध बीमारियों को निमंत्रण दे रही है।
आपदा ने केवल इंसानों के आशियानों को ही नहीं बल्कि उनके सपनों को भी तोड़ा है। गांव के आधा दर्जन से अधिक घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कई कच्चे घरों की छतें ढह गई हैं। जगरूप सिंह कहते हैं कि गांव के कुछ लोगों के कच्चे मकान अब रहने लायक नहीं बचे हैं। परिवार के साथ पीड़ित पड़ोसियों के घर में शरण लिए हुए हैं लेकिन यह अनिश्चितता उन्हें खाए जा रही है कि वे अपना घर दोबारा कब बना पाएंगे। आपदा का सबसे बड़ा असर खेती और पशुधन पर पड़ा है। किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। खेतों में पानी के साथ आई रेत और गाद की मोटी परत जम गई है जिससे जमीन बंजर होने के कगार पर है। जसवंत सिंह बताते हैं कि गांव में धान की फसल तो पूरी तरह गल गई। अब अगली फसल की बुआई कैसे होगी। खेतों में जमी रेत को हटाने में ही लाखों का खर्च और महीनों की मेहनत लगेगी।
गांव में पशुओं की हालत भी चिंताजनक है। दूषित पानी और चारे की कमी के कारण बड़ी संख्या में पशु बीमार पड़ रहे हैं। कई पशुओं की मौत भी हो चुकी है। लोगों में भी बुखार, दस्त और त्वचा संबंधी रोगों के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन पानी उतरने के बाद अभी तक कोई विशेष मेडिकल टीम यहां नहीं पहुंची है। लोगों और पशुओं, दोनों को तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है। लोग चाहते हैं कि पंजाब और केंद्र सरकार की ओर से घोषित की गई सहायता राशि बिना किसी देरी और भ्रष्टाचार के सीधे प्रभावितों तक पहुंचे। गांव के टूटे हुए बुनियादी ढांचे जैसे- सड़कों, गलियों और नालियों को तत्काल दुरुस्त करने की भी जरूरत है। किसानों को नष्ट हुई फसल का उचित मुआवजा और खेतों को फिर से उपजाऊ बनाने के लिए विशेष सहायता पैकेज मिलना चाहिए। इसके अतिरिक्त, गांव में मनुष्यों और पशुओं के लिए तत्काल मेडिकल कैंप लगाए जाने की भी सख्त आवश्यकता है।
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