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SIR Phase 2 in West Bengal: Mamata Banerjee questions the Election Commission on SIR, gives this advice!
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SIR Phase 2 in West Bengal: SIR पर ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर दागे सवाल, दी ये नसीहत!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Thu, 30 Oct 2025 07:00 AM IST
मुख्यमंत्री ने चुनावी सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को लेकर चिंता व्यक्त की है और भाजपा पर एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) के नाम पर भय और विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सभी वास्तविक मतदाताओं के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए, और पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि इससे लोगों के अधिकार छिन जाएंगे।
कोलकाता के पास एक व्यक्ति द्वारा एनआरसी के डर से कथित तौर पर आत्महत्या कर लेने की घटना के बाद, उन्होंने इस दुखद मौत के लिए सीधे तौर पर भाजपा के "जहरीले प्रचार" को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, उन्होंने कुछ सार्वजनिक कार्यक्रमों में सीधे तौर पर 'SIR' का उल्लेख करने से परहेज किया, लेकिन लोगों से एकजुट रहने और मानवता की रक्षा करने की अपील की।
मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या सुधारने के दौरान, 2003 की सूची में दर्ज मतदाताओं या उनके परिवार के सदस्यों के नामों का मिलान किया जाता है। आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रिया में बदलाव किए हैं कि जिन मतदाताओं के नाम या उनके माता-पिता/रिश्तेदारों के नाम 2003 की सूची में पहले से हैं, उन्हें पुनरीक्षण के दौरान निवास या पहचान के अधिक दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में, अनुमान है कि लगभग 70% मतदाताओं को कोई दस्तावेज़ नहीं देना होगा यदि उनका नाम या उनके परिवार के सदस्य का नाम 2003 की सूची में दर्ज है।
चुनाव आयोग ने SIR की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और राजनीतिक दलों के सक्रिय सहयोग के लिए उनसे बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करने का आग्रह किया है। बिहार में हुए पहले चरण के SIR के बाद, जहाँ कुछ राजनीतिक विवाद उठे थे, आयोग अब विस्तृत चर्चा और प्रक्रिया को समझाने के लिए राजनीतिक दलों के साथ शुरुआती चरण में ही बैठकें कर रहा है। संक्षेप में, यह बैठक SIR की प्रक्रिया, इसके चरण और 2003 की आधार मतदाता सूची के उपयोग पर राजनीतिक दलों को विश्वास में लेने और उन्हें पूरी प्रक्रिया में हितधारक के रूप में शामिल करने की आयोग की एक महत्वपूर्ण पहल है।
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