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Bihar Election 2025: Damage control of the Grand Alliance, Rahul Gandhi-Tejashwi Yadav will rally together.
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Bihar Election 2025: महागठबंधन का डैमेज कंट्रोल,राहुल गांधी-तेजस्वी यादव साथ करेंगे रैली।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Wed, 29 Oct 2025 01:10 PM IST
महागठबंधन में लगता है सबकुछ दुरूस्त कर दिया गया है...कांग्रेस और राजद ने पहले चरण से पहले ही गतिरोध को दूर करना सही समझा। इसी कड़ी में राहुल और तेजस्वी अब फिर साथ नजर आएंगे ऐसे में सवाल उठता है कि महागठबंधन क्या डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई है, अगर ऐसा है तो 11 सीटों पर जहां फ्रेंडली फाइट है वहां के प्रचार को लेकर क्या रणनीति है? आइए समझते हैं तेजस्वी-राहुल के रैली के मायने...बिहार विधानसभा चुनाव के बीच आज कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी मुजफ्फरपुर जिले के सकरा विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करेंगे। छठ पूजा के बाद अब राज्य में लगातार चुनावी रैलियों का दौर शुरू हो गया है, और राहुल गांधी की यह बिहार में पहली जनसभा मानी जा रही है। इस मंच पर राहुल गांधी के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी मौजूद रहेंगे। तीनों नेता मिलकर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधेंगे। सकरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार उमेश कुमार राम चुनाव मैदान में हैं, जबकि मुजफ्फरपुर नगर सीट से मौजूदा विधायक विजेंद्र चौधरी पार्टी के प्रत्याशी हैं। दोनों नेता आज राहुल गांधी की रैली में मंच साझा करेंगे। जनसभा को लेकर कांग्रेस और महागठबंधन के कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है। वीआईपी और राजद नेताओं ने भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
जनसभा के बाद राहुल गांधी दरभंगा रवाना होंगे, जहां वे अपने प्रत्याशी के समर्थन में लोगों से वोट करने की अपील करेंगे।बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए होने वाली वोटिंग से पहले महागठबंधन सब कुछ ठीक करने की कोशिश में जुटा है. सीट बंटवारे का ऐलान ना करके NDA को हमलावर होने का मौका देने वाला महागठबंधन अब एक-एक कदम मजबूती के साथ रख रहा है. बात चाहे साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की हो या घोषणापत्र की, इससे जनता और विरोधियों में संदेश देने का प्रयास है कि गठबंधन में जो गांठ पड़ी थी उसे सुलझा लिया गया है.महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बन पाई थी. इसके बाद आरजेडी, कांग्रेस और वीआईपी ने अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया था. कई सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारे गए. कहा गया संवाद की कमी के कारण ऐसा हुआ. इसको दूर करने के लिए कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को मैदान में उतारा. उन्हें पटना भेजा गया. उन्होंने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की, जिसकी फोटो भी सामने आई थी. गठबंधन में सब कुछ ठीक करने का ये पहला प्रयास था.लालू और गहलोत की मुलाकात के अगले दिन 23 अक्टूबर को पटना में महागठबंधन की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, जिसमें तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. इस पीसी में तेजस्वी को महागठबंधन का सीएम फेस बनाने का ऐलान हुआ. कुल मिलाकर जिसपर सबसे ज्यादा पेंच फंसा था, उसको भी सुलझा लिया गया, लेकिन इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल की गैरमौजूदी से बीजेपी को हमला करने का एक और मौका मिल गया. यही नहीं पीसी के लिए जो तस्वीर बनी थी, उसमें भी राहुल नहीं थे. महागठबंधन 5 दिन बाद इस गलती को सुधारती हुई दिखी. 28 अक्टूबर यानी मंगलवार को महागठबंधन ने जो घोषणापत्र जारी किया, उसमें तेजस्वी को हाईलाइट तो किया ही गया है, साथ में राहुल की भी तस्वीर है. पिछली बार जब राहुल गांधी की तस्वीर गायब थी, तो बीजेपी ने यह कहते हुए कटाक्ष किया था कि आरजेडी ने कांग्रेस को उसकी जगह दिखा दी है.
सीट बंटवारे में महागठबंधन भले ही एनडीए से पीछे रहा हो, लेकिन घोषणापत्र जारी करने में उसने बाजी मारी ली. तेजस्वी के नेतृत्व में मंगलवार (28 अक्टूबर) को गठबंधन ने इसे जारी किया. इसे बिहार का तेजस्वी प्रण नाम दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि गठबंधन अगले 5 साल में कैसे काम करेगा, घोषणापत्र में इसका ब्लूप्रिंट है. राहुल गांधी आज बुधवार को बिहार में प्रचार के लिए उतरेंगे. इसकी शुरुआत राहुल सकरा से करेंगे. यहां वह कांग्रेस उम्मीदवार के लिए वोट मांगेंगे. इसके बाद राहुल दरभंगा में जनसभा को संबोधित करेंगे, जहां वह आरजेडी उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे. इसमें तेजस्वी भी शामिल होंगे. इस रैली से ये बताने की कोशिश होगी कि कई सीटों पर फ्रैंडली फाइट के बाद महागठबंधन में सब ठीक है. 10 नवंबर को महागठबंधन की संयुक्त रैली भी है, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल होंगे. कांग्रेस की तरफ से ये भी कोशिश की गई है कि फ्रेंडली फाइट वाली 11 सीटों पर उसके बड़े केंद्रीय नेता प्रचार न करने जाएं, जिसमें आरजेडी, सीपीएम, माले और मुकेश सहनी से फ्रेंडली फाइट वाली 9 सीटों सीटों पर उसने दूरी भी बना ली है. दरअसल, बिहार में राहुल 10, खरगे 3 और प्रियंका 7 यानी कुल 22 रैलियां करने वाले हैं, लेकिन राहुल और खरगे किसी भी फ्रेंडली फाइट वाली सीट पर पार्टी उम्मीदवार का प्रचार नहीं करेंगे.
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