Hindi News
›
Video
›
India News
›
Why will the US hike in H-1B visa fees affect Indian IT companies?
{"_id":"68ce62f0e30e590cb60bb65c","slug":"why-will-the-us-hike-in-h-1b-visa-fees-affect-indian-it-companies-2025-09-20","type":"video","status":"publish","title_hn":"अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा के शुल्क बढ़ाने से भारत की IT कंपनियों पर क्यों होगा असर?","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा के शुल्क बढ़ाने से भारत की IT कंपनियों पर क्यों होगा असर?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Sat, 20 Sep 2025 01:46 PM IST
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वीजा सिस्टम पर कड़ा रुख दिखाया है। उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए एच-1बी वीजा के लिए भारी-भरकम शुल्क लगा दिया है। अब अमेरिका में एच-1बी वीजा पर जाने वाले हर पेशेवर को एक लाख डॉलर यानी करीब 88 लाख रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यह आदेश फिलहाल 12 महीनों तक लागू रहेगा, लेकिन संकेत दिए गए हैं कि जरूरत पड़ी तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब भारतीय आईटी कंपनियां अमेरिकी बाजार पर सबसे ज्यादा निर्भर हैं और उनकी बड़ी संख्या में कर्मचारी एच-1बी वीजा पर काम कर रहे हैं।
भारतीय आईटी कंपनियों पर असर
नए नियम का सबसे ज्यादा असर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इंफोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा जैसी कंपनियों पर पड़ेगा। ये कंपनियां हर साल हजारों भारतीय आईटी पेशेवरों को एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिका भेजती हैं।
मामले से जुड़े उदाहरणों के मुताबिक, 2025 में एक भारतीय आईटी कंपनी को 5,000 से ज्यादा एच-1बी वीजा मिले, लेकिन उसी दौरान उसने 15,000 अमेरिकी कर्मचारियों की छंटनी कर दी। एक दूसरी कंपनी को 1,700 वीजा मिले, लेकिन उसने 2,400 अमेरिकियों को नौकरी से निकाल दिया। वहीं, एक तीसरी कंपनी ने 2022 से अब तक 27,000 अमेरिकी कर्मचारियों को हटाया और उसी दौरान 25,000 से ज्यादा एच-1बी वीजा हासिल किए।
यानी यह कदम सीधे उन कंपनियों पर असर डालेगा जिन पर पहले से ही “अमेरिकी नौकरियां छीनने” का आरोप लगता रहा है।
किसे मिले सबसे ज्यादा वीजा?
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2025 में सबसे ज्यादा एच-1बी वीजा अमेजन को मिले हैं – कुल 10,044। इसके बाद टीसीएस को 5,505 वीजा मिले, जो किसी भारतीय कंपनी के लिए सबसे ज्यादा हैं।
अन्य कंपनियों में माइक्रोसॉफ्ट को 5,189, मेटा (फेसबुक) को 5,123, एप्पल को 4,202, गूगल को 4,181, डेलॉयट को 2,353, इंफोसिस को 2,004, विप्रो को 1,523 और टेक महिंद्रा अमेरिका को 951 एच-1बी वीजा मिले।
ट्रंप के इस आदेश का मतलब है कि भारतीय पेशेवरों के लिए अमेरिका जाना और भी महंगा हो जाएगा। पहले से ही डॉलर में होने वाले खर्च और वीजा प्रोसेसिंग शुल्क भारी था, अब एक लाख डॉलर का अतिरिक्त बोझ और जुड़ गया है।
आईटी कंपनियों की भर्ती प्रक्रिया प्रभावित होगी और वे नए कर्मचारियों को भेजने से पहले कई बार सोचेंगी। नतीजा यह होगा कि भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए अमेरिका में नौकरी के अवसर सीमित हो सकते हैं।
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि एच-1बी वीजा का गलत इस्तेमाल हो रहा है। कंपनियां सस्ते विदेशी वर्कर्स को भर्ती कर अमेरिकियों की नौकरियां छीन रही हैं।
जारी आदेश में बताया गया है कि 2000 से 2019 के बीच अमेरिका में विदेशी विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) वर्कर्स की संख्या 1.2 मिलियन से बढ़कर 2.5 मिलियन हो गई। कंप्यूटर और मैथ से जुड़ी नौकरियों में विदेशी कर्मचारियों की हिस्सेदारी 17.7% से बढ़कर 26.1% हो गई है।
प्रशासन का कहना है कि यह कदम अमेरिकी रोजगार बाजार की रक्षा के लिए जरूरी है।
भारतीय आईटी उद्योग की अमेरिका पर भारी निर्भरता है। अमेरिका से होने वाली कमाई भारतीय आईटी कंपनियों की कुल आय का बड़ा हिस्सा है। यदि अतिरिक्त शुल्क की वजह से कंपनियां कम पेशेवर भेज पाती हैं, तो इसका सीधा असर प्रोजेक्ट्स की डिलीवरी, मुनाफे और वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर पड़ेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिका में स्थानीय प्रतिभाओं के लिए तो फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन भारतीय पेशेवरों और कंपनियों की लागत कई गुना बढ़ा देगा।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।