मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल के अंतर्गत आने वाले बुरहानपुर जिले के आदिवासी बहुल्य ग्रामीण क्षेत्र धूलकोट के, सुक्ता खुर्द गांव में निमाड़ का प्रसिध्द शिवा बाबा मंदिर स्थापित है। इस मंदिर के परिसर में एक भारी भरकम केसरिया पत्थर रखा हुआ है, जिसे चमत्कारी पत्थर बताया जाता है। ग्रामीणों की मान्यता अनुसार, यह पत्थर करीब 300 साल पुराना है। इसके साथ ही इसे साधारण इंसान तो आसानी से नहीं उठा पता है। लेकिन यदि 11 लोग मिलकर इसे केवल अपनी एक-एक अंगुली लगाने के साथ ही, जय शिवा बाबा का घोष लगाकर उठाने की कोशिश करें। तब यह भारी भरकम पत्थर, एक मामूली गेंद की तरह आसानी से उठाया जा सकता है।
ग्रामीणों की माने तो शिवा बाबा के मंदिर में स्थित यह पत्थर यहां शिव भगवान के एक भक्त ने स्थापित किया था। इसे देखने के लिए दूरदूराज से कई लोग आते हैं। यहां आने वाले भक्त इस चमत्कारी पत्थर की पूजा अर्चना भी करते देखे जाते हैं। हालांकि, यह पत्थर चमत्कारी कैसे बना, इसको लेकर कोई भी ठीक से तो नहीं बता सकता। लेकिन मान्यताओं के अनुसार उस भक्त की भक्ति के प्रताप से ही यह पत्थर चमत्कारी पत्थर बन गया है।
वहीं, इस पत्थर की एक अन्य विशेषता यह भी है कि बारिश के दिनों में यह पत्थर अपने अंदर पानी भी संग्रहित करता है। उस पानी को भी चमत्कारी माना जाता है। यहां आने वाले श्रध्दालु इस पत्थर से रिसने वाले पानी को कई तरह के रोगों के उपचार के लिए भी इस्तेमाल करते देखे जाते हैं। वहीं बारिश का पानी इस पत्थर से होता हुआ पास के कुंए में जमा होता है, जिसे भक्तों के द्वारा शुध्द और औषधीय गुणों वाला पानी माना जाता है।
मेले में देश भर से पहुंचते हैं श्रद्धालु
वहीं यहां व्यवस्था देख रहे धुलकोट चौकी प्रभारी कमल मोरे ने बताया कि यहां शिवा बाबा के मंदिर में हर साल की तरह ही इस साल भी 10 दिन का सालाना मेला लगा हुआ है। यहां के मेले में देश भर से विशेष कर बंजारा समाज के लोग मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं। यहां श्रध्दालु मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद इस चमत्कारी पत्थर की भी पूजा करते हैं। साथ ही श्रध्दालु बारी-बारी करके, इस पत्थर को अपनी उंगुलियों से उठाकर पत्थर का चमत्कार भी देखते हैं। यहां मेले के दौरान मंदिर और पत्थर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम भी उठाए जाते हैं।
चमत्कारी पत्थर के संरक्षण के लिए समिति
बता दें कि स्थानीय जिला प्रशासन एवं ग्रामीणों ने मिलकर मंदिर में मौजूद चमत्कारी पत्थर और मंदिर परिसर की देखभाल के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति के अध्यक्ष रूप सिंह पवार ने बताया कि समिति के द्वारा यहां की साफ-सफाई और सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाता है। ताकि यहां आने वाले श्रध्दालुओं को किसी तरह की कोई असुविधा न हो। इधर, मौके पर मौजूद धूलकोट तहसील के तहसीलदार उदय मंडलोई ने बताया कि यह मंदिर धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल बनता जा रहा है। प्रशासन इसके संरक्षण और सुविधाओं के विकास के लिए प्रयासरत है।