किसानों की समस्याओं और खाद की किल्लत को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को छिंदवाड़ा में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदेश नेतृत्व के आव्हान पर आयोजित इस आंदोलन में जिले सहित आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और किसान शामिल हुए। प्रदेश स्तर के कई बड़े नेता भी छिंदवाड़ा पहुंचे।
सुबह करीब 11 बजे जेल बगीचा मैदान में आयोजित सभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व सांसद नकुलनाथ, पूर्व विधायक दीपक सक्सेना, जिला कांग्रेस अध्यक्ष गंगाप्रसाद तिवारी सहित तमाम नेताओं ने किसानों की बदहाल स्थिति पर सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा “प्रदेश में किसानों को खाद के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है। कुछ जगहों पर तो रात में ट्रैक्टर लगाकर जगह रिज़र्व करनी पड़ रही है। सरकार सिर्फ कागजों में खेती बचाने की बात कर रही है।” वहीं, जीतू पटवारी ने कहा “सरकार पूरी तरह संवेदनहीन हो गई है। किसान परेशान है, लेकिन प्रशासन किसानों की आवाज सुनना ही नहीं चाहता।” कलेक्ट्रेट की ओर निकाली रैली सभा समाप्त होने के बाद सभी नेता और कार्यकर्ता किसानों की मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट की ओर रैली के रूप में निकले। “खाद दो – किसान बचाओ”, “मूकदर्शक प्रशासन हाय-हाय” जैसे नारे लगते रहे। कलेक्ट्रेट पहुंचते ही कांग्रेस नेताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की मांग की। लेकिन मौके पर कलेक्टर की गैरहाजिरी से कांग्रेस कार्यकर्ता भड़क उठे। नेता प्रतिपक्ष सहित सभी नेता कलेक्ट्रेट गेट के सामने धरने पर बैठ गए। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों और कांग्रेस नेताओं के बीच काफी देर तक बहस और नोकझोंक चलती रही। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गेट से हटाने की कोशिश की, जिससे हल्की धक्का-मुक्की भी हुई।
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सांकेतिक विरोध: कुत्ते के गले में बांधा ज्ञापन
लगभग आधे घंटे तक धरना देने के बाद जब कोई अधिकारी ज्ञापन लेने नहीं आया, तो कांग्रेसियों ने अनोखा तरीका अपनाया। कुछ कार्यकर्ता एक कुत्ते को लेकर पहुंचे। उन्होंने किसानों की मांगों वाला ज्ञापन कुत्ते के गले में बांध दिया। उमंग सिंगार ने उस कुत्ते को उठाकर कहा – “हम चाहते थे कि कलेक्टर किसानों की बात सुनें, लेकिन जब वे किसानों की तकलीफ देखने तक नहीं आए तो मजबूरन हमें ये सांकेतिक कदम उठाना पड़ा।” इसके बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया। लेकिन जाते-जाते कांग्रेस नेताओं ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के भीतर खाद और बिजली संकट का समाधान नहीं हुआ, तो जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। कांग्रेस की प्रमुख मांगें किसानों को तुरंत पर्याप्त मात्रा में खाद (यूरिया, डीएपी) उपलब्ध कराया जाए, सूखा प्रभावित क्षेत्रों को राहत पैकेज दिया जाए, बीज और बिजली की समस्या जल्द दूर की जाए, सहकारी समितियों में लंबी लाइनों को खत्म करने के लिए खास व्यवस्था की जाए।
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