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Damoh: ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोपी को जांच के घर लेकर पहुंची पुलिस, मकान से मिले थे 12 नाबालिग बच्चे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Mon, 03 Feb 2025 09:47 AM IST
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दमोह कोतवाली थाना क्षेत्र के क्रिश्चियन कॉलोनी में एक मकान में 12 बच्चों को अवैध रूप से रखने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों पीके शुक्ला और अनामिका क्रूजर पर मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस रविवार दोपहर एक आरोपी पीके शुक्ला को लेकर उसके घर पहुंची और मामले में अतिरिक्त सबूत जुटाने के लिए तलाशी ली गई।
कोतवाली टीआई आनंद राज ने बताया मामले की जांच की जा रही है। सभी बच्चों को सागर बाल कल्याण समिति की देखरेख में रखा गया है। वहां उनकी काउंसलिंग जारी है। बता दें कि बाल कल्याण समिति सागर की सूचना पर बुधवार रात को पुलिस ने क्रिश्चियन कॉलोनी में पीके शुक्ला के घर छापेमारी की थी।
यहां 12 नाबालिग बच्चे मिले थे। इन बच्चों को एक हॉस्टल जैसे कमरे में रखा गया था। जांच में पता चला कि इन बच्चों को नवजागृति स्कूल में पढ़ाया जा रहा था और उनका धर्मांतरण भी कराया जा रहा था। मौके से ईसाई धर्म के प्रचार से संबंधित किताबें और कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए थे।
शुक्रवार को दमोह पहुंचे राज्य बाल आयोग के सदस्य ओमकार सिंह ने इस मामले को ह्यूमन ट्रैफिकिंग और धर्मांतरण से जोड़ते हुए जांच की मांग की। बाल कल्याण समिति सागर की सिफारिश पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धर्म परिवर्तन, मानव तस्करी और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया।
जिस समय यह कार्रवाई की गई थी, उस समय आरोपी शुक्ला का कहना था कि ये बच्चे किराएदार हैं और उनके अभिभावकों से किराया अनुबंध किया गया है। घर से मिले 12 बच्चों में से 2 मंडला, 3 बिजावर रामगढ़ (छतरपुर) और 7 झाबुआ के थे।
इन बच्चों के रिश्तेदार राजपुर क्षेत्र में रहते हैं, जिन्होंने बच्चों की पढ़ाई और रहने की व्यवस्था के लिए संपर्क किया था। धर्मांतरण के आरोपों पर पीके शुक्ला का यह भी कहना था कि बच्चों के माता-पिता पहले से ही क्रिश्चियन हैं, इसलिए धर्मांतरण का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन जांच के दौरान संदिग्ध सामग्री मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया।
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