दमोह जिले के जंगल में वन माफिया के द्वारा लगातार वन कर्मियों पर हमला करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब वीरांगना रानी दुर्गवाती टाइगर रिजर्व में भी एक डिप्टी रेंजर पर हमला करने का प्रयास हुआ है। अतिक्रमण हटाने पहुंचे डिप्टी रेंजर पर एक अतिक्रमणकारी ने कुल्हाड़ी से हमले का प्रयास किया, जब वह सफल नहीं हुआ तो उनकी वर्दी फाड़ दी। घटना के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया। घटना बुधवार दोपहर घटित हुई है।
डिप्टी रेंजर पर हमले का प्रयास सारससबगली बीट गेम परिक्षेत्र सर्रा सर्किल में आती है। जिसके कक्ष क्रमांक 245 में गेम परिक्षेत्र अधिकारी सर्रा के निर्देश पर परिक्षेत्र सहायक सारसबगली पहुंचे थे। उसी दौरान एक व्यक्ति जितेंद्र घोसी जंगल की भूमि में जुताई करके अतिक्रमण कर रहा था। जिसको डिप्टी रेंजर ने पकड़ा। उसी दौरान उसका पिता छिदामी महिलाओं के साथ पहुंच गया और डिप्टी रेंजर लखन प्रसाद अहिरवार पर कुल्हाड़ी से हमला करने का प्रयास किया, लेकिन डिप्टी रेंजर ने सूझबूझ से कुल्हाड़ी छीनकर खुद को बचाया। तभी जितेंद्र ने डिप्टी रेंजर लखन अहिरवार की वर्दी फाड़ दी और भाग निकला। आरोपी जितेंद्र घोसी पर वन जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा के तहत मामला दर्ज किया।
यह भी पढ़ें-
मैपकॉस्ट में करोड़ों के भ्रष्टाचार की शिकायतों पर पर्दा डालने की कोशिश, आरोपी DG से ही मांगी रिपोर्ट
सर्रा स्टॉप गेम परिक्षेत्र अधिकारी टीके कुलस्ते ने बताया अतिक्रमण धारी जितेंद्र घोसी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया है। पूरी कार्यवाही में परिक्षेत्र सहायक सर्रा दयाराम अहिरवार, जितेंद्र सिंह गुर्जर वनरक्षक के साथ अन्य लोगों का सहयोग रहा। खकरी खोलने को लेकर विवाद इसी तरह भैसा गांव से मंगलवार को वन कर्मियों का महिलाओं से विवाद हुआ था। वन विभाग ने जंगल को सुरक्षित करने पत्थरों की खखरी उठाकर रास्ता बंद कर दिया था। जिससे मवेशियों का जंगल जाना बंद हो गया था, लेकिन ग्रामीण खखरी हटाने की जिद करने लगे। ग्रामीणों का कहना था मवेशी यदि जंगल नहीं जाएंगे तो वह चरेंगे कहां? इसलिए पत्थर हटाए जाएं। पहले बन विभाग ने मना किया, लेकिन बाद में वन कर्मियों के सामने ही महिलाओं ने पत्थर हटा दिए।