देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली संस्थाओं में से एक देवास की बैंक नोट प्रेस (BNP) में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिससे न केवल भर्ती प्रक्रिया बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। वर्ष 2021 में IBPS की परीक्षा देने वाले दीपक कुमार के स्थान पर पिछले तीन वर्षों से सरवन कुमार नामक युवक बीएनपी में नौकरी करता पाया गया है। यह चौंकाने वाला खुलासा खुद बीएनपी प्रबंधन द्वारा की गई आंतरिक जांच के बाद हुआ, जिसके आधार पर थाना बीएनपी में शिकायती आवेदन दिया गया।
फर्जी पहचान से ली सरकारी नौकरी
बीएनपी थाना प्रभारी टीआई अमित सोलंकी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई है कि आरोपी युवक ने फर्जी दस्तावेजों और पहचान के माध्यम से संवेदनशील संस्था में प्रवेश किया और लगातार सरकारी वेतन और सुविधाओं का लाभ उठाता रहा। इतना ही नहीं, इतने लंबे समय तक किसी को इस फर्जीवाड़े की भनक तक नहीं लगी, जो कि सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है।
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गंभीर धाराओं में केस दर्ज, जांच की प्रक्रिया शुरू
बीएनपी के महाप्रबंधक द्वारा दिए गए लिखित आवेदन के आधार पर थाना बीएनपी ने भारतीय दंड संहिता (BNS) की धाराओं 319(2), 318(4), 338, 336 और 340 के तहत मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। फिलहाल मामले को जीरो पर कायमी कर जांच के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है।
क्या अंदर से मिली मदद? बढ़ता है संदेह
फर्जीवाड़े की इस पूरी घटना ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या आरोपी को संस्था के भीतर से किसी की मदद मिली थी? तीन साल तक एक फर्जी व्यक्ति का सुरक्षा एजेंसी जैसी जगह पर काम करना यह साबित करता है कि सिर्फ जाली दस्तावेज नहीं, बल्कि सिस्टम की लापरवाही या अंदरूनी सहयोग के बिना ऐसा संभव नहीं हो सकता।
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BNP जैसी संस्था में सेंध, सुरक्षा पर भी उठे सवाल
बैंक नोट प्रेस एक ऐसी संस्था है जहां देश की मुद्रा छपती है और इसकी गोपनीयता व सुरक्षा सर्वोपरि मानी जाती है। ऐसे में इस तरह की घटना न केवल भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी गहरी चिंता पैदा करती है।