जिम ट्रेनर सूरज शर्मा का शव दुबई से 26 दिन बाद रविवार को ग्वालियर लाया गया। यहां उसका अंतिम संस्कार किया गया। सूरज की मौत के बाद परिजन उसके शव को भारत लाने के लिए काफी परेशान थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पीएम नरेंद्र मोदी से भी मदद का आग्रह किया था। परिजनों सूरज की मौत की जांच की मांग भी कर रहे हैं।
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बता दें, ग्वालियर का रहने वाला सूरज शर्मा जिम ट्रेनर था और वह रोजगार की तलाश में था। नौकरी के लिए सूरज 23 मई को दिल्ली से दुबई के लिए निकला था। दुबई पहुंचने के बाद 26 मई को घर वालों से उसका संपर्क टूट गया। उसके बाद परिजनों को सूचना मिली कि किसी हादसे में उसकी मौत हो गई है। मौत की सूचना मिलने के बाद माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल था। मौत के बाद वह लगातार उसके शव को दुबई से भारत लाने के लिए प्रयास कर रहे थे।
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सूरज के भाई नितेश ने बताया कि वह प्राइवेट जॉब में था। उसे व्यापार में नुकसान हुआ था। इसके बाद नौकरी की तलाश में वह यूएई गया था। नितेश ने यूएई में सूरज की मौत पर संदेह जताया है। उसका सवाल है कि सूरज की मौत जब 26 मई को हुई थी तो एक महीने तक यूएई सरकार क्या करती रही? सूरज के परिवार में उसकी पत्नी बच्चों के अलावा बुजुर्ग माता पिता और छोटा भाई है। सूरज की पत्नी चेतना शर्मा का कहना है कि सूरज 18 मई को दिल्ली गया था। उसके बाद दिल्ली से फ्लाइट से यूएई रवाना हो गया था। सूरज, यूएई में होटल में काम करने गया था। बाद में टैक्सी चलाने की बात कर रहा था। चेतना की आखिरी बार सूरज से 25 मई को बात हुई थी।