मध्य प्रदेश के हरदा जिले में पुलिस प्रशासन और करणी सेना के बीच दो दिनों में तीसरी बार टकराव की स्थिति बन गई। शनिवार देर शाम और रविवार सुबह हुए लाठीचार्ज के बाद, राजपूत समाज के युवा महाराणा प्रताप कॉलोनी स्थित राजपूत छात्रावास में बड़ी संख्या में एकत्र हो गए। इस दौरान जिला पंचायत उपाध्यक्ष दर्शन सिंह गहलोद और हरदा विधायक आरके दोगने भी छात्रावास में मौजूद थे।
छात्रावास के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। एडीएम सतीश राय, एसडीएम कुमार शानू देवड़िया और एएसपी आरडी प्रजापति खुद मौके पर मौजूद थे। पूरी महाराणा प्रताप कॉलोनी को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। आस-पास के 6 जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। लगभग 300 से अधिक जवान शहर में तैनात हैं और भीड़ दिखाई देने पर उन्हें तितर-बितर किया जा रहा है।
चक्का जाम हटाने पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले
रातभर धरने पर बैठे करणी सैनिकों को रविवार सुबह चक्का जाम समाप्त करने के लिए समझाइश दी गई। नहीं मानने पर पुलिस ने चेतावनी दी और फिर हल्का बल प्रयोग करते हुए वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर किया गया। इसके विरोध में बड़ी संख्या में राजपूत समाज के लोग छात्रावास में एकत्र हो गए। हालात को भांपते हुए पुलिस ने अनाउंसमेंट कर लोगों को छात्रावास से बाहर निकलकर घर जाने की समझाइश दी, लेकिन करणी सैनिक और लोग नहीं माने। इस दौरान कुछ उत्तेजित युवाओं ने पुलिसकर्मियों और अधिकारियों से अभद्रता कर गाली-गलौज कर। इसके बाद पुलिस ने विधायक की मौजूदगी में गेट खुलवाकर हल्का बल प्रयोग किया और सभी को छात्रावास से बाहर खदेउ़ा।
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विधायक बोले- अंग्रेजों के शासन जैसा व्यवहार किया
विधायक आरके दोगने ने कहा, ऐसा लगता है जैसे अंग्रेजों के जमाने का शासन आ गया है। जो लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, उनसे बर्बरता की जा रही है। अंदर घुसकर पीटा जा रहा है, जेसीबी से गाड़ियां तोड़ी जा रही हैं। एसपी और कलेक्टर अन्याय कर रहे हैं। हरदा में पहली बार ऐसी घटना हुई है।
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जिले में धारा 163 लागू
रविवारा शाम को बिगड़ती स्थिति को देखते हुए हरदा कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (2)(3) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। इसके अंतर्गत जिले की राजस्व सीमा में चार या उससे अधिक व्यक्तियों के एक स्थान पर एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।