मध्य प्रदेश के हरदा जिले के बैरागढ़ क्षेत्र में 6 फरवरी को अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट में 13 लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे में 59 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे, जबकि 123 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची थी। इसके अलावा, कई लोगों की फसल, पशु और अनाज को भी भारी नुकसान हुआ था।
इस घटना के बाद मामला एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) कोर्ट में दायर किया गया था, जिसके आदेश के बाद जिला प्रशासन ने पीड़ितों को करोड़ों रुपये की मुआवजा राशि वितरित की। साथ ही, अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालित करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और उनकी संपत्ति कुर्क कर पीड़ितों की क्षतिपूर्ति के निर्देश भी दिए गए।
अब तक वितरित मुआवजा राशि
एनजीटी कोर्ट के आदेश के तहत मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रुपये की दर से कुल 1.95 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। विस्फोट में जिन 23 पीड़ितों के मकान पूरी तरह नष्ट हो गए थे और जो राहत शिविर में रह रहे थे, उन्हें 2-2 लाख रुपये की तात्कालिक सहायता के रूप में कुल 46 लाख रुपये प्रदान किए गए।
हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री राहत कोष से 13 मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की दर से कुल 26 लाख रुपये की सहायता दी गई। इसके अलावा, गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी तत्काल प्रदान की गई थी।
राजस्व नियमों के तहत दी गई राहत राशि
राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत 13 मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की दर से कुल 52 लाख रुपये का भुगतान किया गया। हादसे में अंग हानि का शिकार हुई एक महिला को 2.50 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई। गंभीर रूप से घायल 23 व्यक्तियों को 16 हजार रुपये प्रति व्यक्ति के अनुसार कुल 3.68 लाख रुपये प्रदान किए गए। वहीं, एक सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहे 38 घायलों को 5,400 रुपये प्रति व्यक्ति के अनुसार कुल 2.05 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई।
मकान, पशु और खाद्यान्न की क्षतिपूर्ति
इस हादसे में प्रभावित हुए 59 परिवारों को उनके पूरी तरह नष्ट हुए मकानों के लिए 1.20 लाख रुपये प्रति परिवार की दर से सहायता दी गई। इसके अलावा, खाद्यान्न क्षति के लिए प्रत्येक परिवार को 5-5 हजार रुपये की सहायता दी गई। विस्फोट से प्रभावित दो दुकानदारों को 17 हजार और 12 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई। पशु हानि के लिए सात लोगों को कुल 3.19 लाख रुपये प्रदान किए गए। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 123 प्रभावितों को 6,500 रुपये की राहत राशि दी गई, जबकि 46 अन्य प्रभावितों को 4,000 रुपये प्रति व्यक्ति के अनुसार सहायता प्रदान की गई। फसल नष्ट होने पर छह किसानों को कुल 64,708 रुपये की मदद दी गई।
संबल और अन्य योजनाओं से आर्थिक सहायता
संबल योजना और कर्मकार मंडल के तहत 9 मृत श्रमिकों के परिजनों को अंत्येष्टि सहायता के रूप में 5-5 हजार रुपये और एक श्रमिक को 6 हजार रुपये प्रदान किए गए। रेडक्रॉस सोसाइटी से 13 मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की तत्काल राहत राशि दी गई। 20 घायल मरीजों को 50-50 हजार रुपये प्रति व्यक्ति के अनुसार कुल 10 लाख रुपये की सहायता दी गई। रोगी कल्याण समिति के तहत 5 गंभीर घायलों को 1-1 लाख रुपये और 31 सामान्य घायलों को 25-25 हजार रुपये की सहायता दी गई।
शासकीय योजनाओं का लाभ भी मिला
प्रभावितों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के प्रयास भी किए गए। 19 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना, 304 को खाद्यान्न पर्ची, 18 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन, 21 महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, 63 को लाड़ली बहना योजना और 31 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ दिया गया।
इसके अलावा, 4 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना के तहत मदद दी गई। राहत शिविर में रह रहे प्रभावितों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। 55 प्रभावितों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं ताकि वे 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार करा सकें। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 23 पीड़ितों को सिलाई मशीन प्रदान की गई। 136 प्रभावितों को संबल योजना का कार्ड दिया गया और 38 को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत सहायता प्रदान की गई। पीएम स्वनिधि योजना के तहत 34 प्रभावितों को आर्थिक मदद दी गई।
मजदूरों के लिए श्रम न्यायालय में वाद दायर
हरदा विस्फोट मामले में कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 के तहत 1 गंभीर घायल को 21 लाख रुपये और 111 सामान्य घायलों को 5-5 लाख रुपये की दर से कुल 5.55 करोड़ रुपये की सहायता के लिए श्रम न्यायालय, नर्मदापुरम में वाद दायर किया गया है।