मध्यप्रदेश में कटनी जिले के कैमोर में 86 साल से लगातार रावण दहन की परंपरा चली आ रही है, जो न सिर्फ प्रदेश बल्कि पूरे देशभर में प्रसिद्ध है। इस बार यहां 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया है जो पिछले बार से 11 फीट बड़ा बनाया गया है। इसके साथ ही पहली बार 21-21 फीट के मेघनाथ और कुंभकर्ण बनाए जा रहे हैं।
कटनी मुख्यालय से 37 किमी की दूरी में बसा औद्योगिकी नगरी कैमोर में इस बार 101 फीट का रावण बनाया गया है, जिसे एक ही परिवार के 40 लोग पिछले चार पीढ़ियों से बनाते आ रहे हैं। सलैया कुम्हारी ग्राम के कारीगर ने बताया कि कैमोर के दहशरा का इतिहास दशकों पुराना है, जिसे ईको-फ्रेंडली बनाने के लिए बांस, मिट्टी, रस्सी और कपड़े का प्रयोग करते हैं, ताकि पर्यावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो, जिसमें कुछ लोग बांस से रावण का ढांचा बनाते हैं तो कोई कागज को गोंद से चिपकाते हुए उसे रंग-बिरंगे कपड़ों से सजाता है। ऐसे ही डेढ़ माह में रावण का पुतला बनकर तैयार हो जाता है।
कैमोर दशहरे में सबसे बड़ा योगदान एसीसी कंपनी का है, जो इस परंपरा को पिछले 86 वर्ष से जारी रखे हुए है। नगर परिषद अध्यक्ष पलक ग्रोवर ने बताया कि मध्यप्रदेश के कई जिलों से लोग कैमोर का दशहरा देखने आते हैं। इसके लिए कम्पनी देश की प्रसिद्ध रामलीला मंडली बुलाती है, जो पूरे नौ दिनों तक भगवान श्रीराम के जीवन चरितार्थ दिखाते हैं और अंतिम दिन यानी दशहरे की रात भगवान श्रीराम द्वारा इलेक्ट्रिक बाण के प्रयोग करते हुए इस बार 101 फीट रावण का दहन किया जाएगा, हालांकि इस बार विशालकाय रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकर्ण भी पूरे दशहरे का आकर्षण का केंद्र रहेंगे। यह पर्व इस बात का प्रतीक है कि बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, सच्चाई से जीत नहीं सकती।
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45 दिन पहले से शुरू होती है प्रक्रिया
बता दें कैमोर के रावण दहन की परम्परा करीब 86 वर्ष पुरानी है जिसे आज भी ACC, कैमोर नगर परिषद के साथ जिला प्रशासन द्वारा निरंतर जारी रखा है।रावण, कुंभकर्ण समेत मेघनाथ को बनाने वाले कारीगर राजकुमार वंशकार ने बताया कि हम एक ही परिवार के 40 लोग समेत 60 लोगों की टीम मिलकर रावण का पुतला 45 दिन पहले से बनाना शुरू कर देते हैं। पहली बार मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला भी बनाया जा रहा है। पहले ये 120 फिट का रहता था लेकिन एक बार हुए हादसे के बाद इसकी लंबाई घटाकर 80 फीट कर दिया गया था हालांकि अब फिर से इसे 101 फीट तक ले जाया गया है। और कटनी जिले के कैमोर का दशहरा पूरे देश में प्रसिद्ध है जिसे देखने लाखों लोग यहां आते हैं।
इस बार झूला मेला टैक्स फ्री
इस बार इसकी संख्या में इजाफा करने और मेले में लोगों को राहत देने प्रदेश के पूर्व मंत्री और क्षेत्र के स्थानीय विधायक संजय पाठक ने इस बार झूला मेला टैक्स फ्री करवाया है ताकि लोग खुलकर मेले और दशहरे पर्व का आनदं ले सके। विजयराघवगढ़ विधायक पर्व को असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक वाला पर्व बताया है, जिनके अनुसार प्रभु श्रीराम का जीवन बताता है हमें कैसे एक पुत्र, भाई से लेकर राजा बनना चाहिए। वहीं इस बड़े आयोजन को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न करवाने के लिए ACC के सेफ्टी विभाग के अनिल मौर्य बताते हैं कि कम्पनी के सुरक्षा कर्मियों की टीम तीन स्तरीय घेरा बनाती है। इसके अलावा सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से निगरानी बनाए रखते हैं, ताकि कोई दुर्घटना न हो सके लेकिन उनके अंत के लिए महज एक सच्चाई रूपी तीर ही काफी होता है।