मध्यप्रदेश में इस मानसूनी सीजन में हुई जोरदार बारिश के बाद जहां एक ओर प्रदेश की उपजाऊ जमीनें तरबतर है तो वहीं प्रदेश के नदी नाले उफान पर हैं। इसी बीच प्रदेश के खंडवा जिले के पुनासा ब्लॉक स्थित एशिया की सबसे बड़ी परियोजना इंदिरा सागर डैम के एक बार फिर से बुधवार शाम 12 गेट खोले गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, इंदिरा सागर डैम के ये सभी गेट एक-एक मीटर तक खोले गए हैं, जिसके बाद इस डैम से करीब 3048 क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। यही नहीं इसके अलावा बिजली बनाने वाली टरबाइनों से भी इस डैम से 1,840 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इस तरह कुल 4,888 क्युमेक्स वाटर डिस्चार्ज किया जा रहा है।
वहीं, इससे लगे हुए जिले की तीर्थनगरी ओंकारेश्वर स्थित ओम्कारेश्वर डैम में इंदिरा सागर परियोजना से छोड़ा गया भारी जल प्रवाह पहुंचने के चलते ओंकारेश्वर डैम के भी 14 गेट खोल दिए गए, जिसके बाद ओंकारेश्वर डैम के गेट खोलकर लगभग 3,100 क्यूमेक्स तथा ओंकारेश्वर विद्युत गृह से 1896.00 क्यूमेक्स पानी की निकासी की जारी है। इस तरह इस परियोजना से लगभग 5000 क्यूमेक्स जल का डिस्चार्ज किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि संभवत: यह अब तक का रिकॉर्ड है कि एक मानसूनी सीजन में इन परियोजनाओं के गेट लगातार तीसरी बार खुले हैं। हालांकि, अभी मानसूनी सीजन अपने अंतिम दौर में है और दोनों ही बिजली परियोजनाओं से अरबों रुपये की बिजली बनने के चलते इनसे सरकार को काफी फायदा हुआ है।
बता दें कि नर्मदा नदी के उपरी कछार में लगातार वर्षा होने एवं अपस्ट्रीम के बांधों से जल निष्कासन के कारण इंदिरा सागर बांध के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। वहीं, इस मानसून सत्र में तीसरी बार यह गेट खोलकर दोनों बांधों से पानी रिलीज किया गया है। हालांकि, अभी ये गेट कब बंद होंगे, इसकी सूचना फिलहाल नहीं दी गई है। वहीं, हंडिया की तरफ से तेजी से पानी इंदिरा सागर की ओर आ रहा है। उधर, बरगी और तवा बांध के गेट खुलने से इस तरफ पानी की आवक बढ़ी है, जिसके बाद इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर डैम लबालब होने के साथ ही काफी अधिक मात्रा में पानी गांधी सागर गुजरात की तरफ रिलीज किया जा रहा है।