मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों से जारी बारिश के चलते प्रदेश भर के लगभग सभी प्रमुख बांधों का जलस्तर बढ़ गया है। खंडवा जिले के इंदिरा सागर डैम का जलाशय भी लगभग अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच गया है। इस स्थिति में एशिया की इस सबसे बड़ी परियोजना के नजदीकी ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, डूब क्षेत्र में नहीं आने के बाद भी बांध के पास बसे आमोदा समेत कई गांव इससे प्रभावित हो रहे हैं।
अमोदा गांव इंदिरा सागर बांध का जलस्तर बढ़ने पर चारों ओर से बैकवॉटर से घिर जाता है, जिसके कारण गांव के निवासियों को अपनी जान जोखिम में डालकर बाहर निकलना पड़ता है। इस समस्या के चलते स्कूली विद्यार्थियों, बीमारों और गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से कठिनाई होती है। बारिश के दौरान बीमारों और गर्भवती महिलाओं को खटिया की नाव बनाकर अस्पताल तक ले जाना पड़ता है।
अमोदा वासियों का कहना है कि हर साल तेज बारिश या इंदिरा सागर बांध का जलस्तर बढ़ने पर उन्हें इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद, शासन, प्रशासन या एनएचडीसी द्वारा इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया जा रहा है। बांध का स्तर बढ़ने पर ग्रामीणों को जलाशय पार करने के लिए नाव की सुविधा दी जाती है, लेकिन इस बार अभी तक नाव की सुविधा भी नहीं मिली है, जिससे ग्रामीण परेशान हो रहे हैं।
गांव के एक 70 वर्षीय बुजुर्ग को बीमार पड़ने पर इलाज के लिए पास के गांव बांगरदा ले जाने के लिए, उनके परिजनों ने ट्यूब के ऊपर खटिया डालकर बैकवॉटर पार करवाया, जो बेहद जोखिम भरा था। ग्रामीणों का कहना है कि महिलाओं और बच्चों को भी जान जोखिम में डालकर गांव से बाहर जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि जब तक बांध का जलस्तर कम नहीं होगा, तब तक उन्हें इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
मामला संज्ञान में आने के बाद, जिला कलेक्टर अनुप कुमार ने बताया कि बांगरदा के पास अमोदा गांव का एक वीडियो संज्ञान में आने के बाद एनएचडीसी ने नाव की व्यवस्था कर दी है। आज शाम से वहां नाव का संचालन भी शुरू हो जाएगा। गांव का एप्रोच मार्ग बांध का स्तर कम होने पर चालू रहता है, लेकिन अभी जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण वह पानी में डूब गया है। हमने संबंधित विभाग से रोड की समीक्षा करने के लिए कहा है, ताकि इसे ऑल वेदर रोड के रूप में विकसित किया जा सके। इसके लिए एक एस्टीमेट तैयार किया जाएगा जिसे शासन को भेजकर निर्माण कार्य करवा कर ग्रामीणों को इस समस्या से निजात दिलाई जा सके।
डैम के बैकवॉटर के बीच से निकलने को मजबूर ग्रामीण