जिले का ओसवाल परिवार एक बड़ा फैसला लेकर चर्चा में है। परिवार के चार सदस्य,दिनेश कांकरिया, उनकी पत्नी अनामिका, बेटी डॉ. हर्षिता और बेटा विधान, अब संन्यासी जीवन जीने जा रहे हैं। ये चारों 16 जनवरी को पालीताणा में दीक्षा लेकर दुनिया की सभी सुख-सुविधाओं को त्याग देंगे। सभी सदस्य मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर अपने मामा के घर रिश्ता खत्म करने आए, जहां एक कार्यकम का आयोजन हुआ।
आज के भौतिक युग में जहां लोग धन, दौलत और शोहरत की दौड़ में लगे हुए हैं, वहीं त्याग और तपस्या की एक अनूठी मिसाल सामने आई है। यहां ओसवाल (बच्छावत) परिवार और नरसिंहपुर की बेटी श्रीमती अनामिका कांकरिया ने अपने पति दिनेश कांकरिया, पुत्री डॉ. हर्षिता (23 वर्ष) और पुत्र विधान कांकरिया (20 वर्ष) के साथ मिलकर समस्त सांसारिक सुख-सुविधाओं का त्याग कर दीक्षा ग्रहण करने का निर्णय लिया है।
नरसिंहपुर स्थित श्री मुनिसुव्रत स्वामी जैन श्वेतांबर मंदिर में परम पूज्य मुनि श्री 108 विनम्र सागरजी महाराज के सान्निध्य में प्रवचन एवं दीक्षार्थी अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सकल जैन श्वेतांबर श्रीसंघ, नरसिंहपुर की अगुवाई में भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
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कार्यक्रम का सबसे भावनात्मक और प्रेरणादायक क्षण तब आया जब उच्च शिक्षित और संपन्न धूलिया (महाराष्ट्र) निवासी इस परिवार ने समाज के सामने त्याग की ऐसी मिसाल पेश की, जिसने सभी को भाव-विभोर कर दिया।
जहां एक ओर आज की दुनिया में लोग अधिक से अधिक भौतिक सुख पाने की लालसा में जीवन बिता रहे हैं, वहीं इस परिवार ने वैराग्य और आत्मज्ञान की राह चुनकर समाज में आध्यात्मिक जागृति का संदेश दिया है।
यह निर्णय केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि त्याग, तपस्या और आस्था की ऐसी प्रेरक कहानी है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बन गई है।