शिवपुरी के ब्राह्मण परिवार के 7 लोगों को नया जीवन देने वाले ब्यावरा के वारिस खान को लगभग 12 साल पहले नगरपालिका की अस्थाई नौकरी से निकाल दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए बसों में क्लीनरी और मजदूरी का काम किया। अब वे जिले के पहले गुड सेमेरिटन बन गए हैं। वारिस खान की बहादुरी की चर्चा राजगढ़ ही नहीं, बल्कि सीएम हाउस तक हो रही है।
दरअसल, 13 नवंबर बुधवार की सुबह शिवपुरी से भोपाल जा रहे एक परिवार की कार जिसमें दो बच्चों समेत 7 लोग सवार थे, ब्यावरा से लगभग 7-8 किलोमीटर की दूरी पर ब्रेक फेल होने के कारण पलट गई और सभी दरवाजे लॉक हो गए। इसी दौरान, वहां से गुजर रहे वारिस खान ने अपने हाथों से कार के शीशे तोड़कर उसमें फंसे लोगों को बाहर निकाला और फिर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। वारिस आज भी कीपैड फोन का इस्तेमाल करते हैं और सोशल मीडिया से दूर हैं, इसलिए इस घटना का कोई वीडियो या फोटो सामने नहीं आया।
वारिस खान बताते हैं कि वे एक प्लंबर हैं। किसी काम से ब्यावरा से बीनागंज की ओर जा रहे थे। सुबह करीब 11 बजे की बात है, जब उन्होंने देखा कि शिवपुरी की ओर से आ रही एक कार जो भोपाल जा रही थी, ब्रेक फेल होने के कारण सड़क पर घिसटते हुए कई बार पलट गई। उन्होंने तुरंत अपनी बाइक एक तरफ खड़ी की और पलटी हुई कार के पास पहुंचे। कार में पीछे बैठी महिलाओं के पास दो बच्चे थे, जिनमें से एक की उम्र 8-9 महीने और दूसरे की 5 वर्ष थी।
वारिस ने सबसे पहले गाड़ी के शीशे तोड़े और दोनों बच्चों को बाहर निकाला। फिर उन्होंने पीछे बैठी महिलाओं को और अंत में तीन पुरुषों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद वे सभी को अस्पताल लेकर गए और इलाज करवाया। वारिस बताते हैं कि उनके पास साधारण कीपैड फोन है, इसलिए घटना की कोई फोटो या वीडियो नहीं है। यह खबर मीडिया के माध्यम से सामने आई। गुरुवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें वीडियो कॉल पर बधाई दी और एक लाख रुपये इनाम देने का वादा किया।
वारिस खान ने सीएम से वीडियो कॉल के दौरान कहा कि वे एक लाख रुपये देने के बजाय उसकी पुरानी नगरपालिका की नौकरी वापस दिलवा दें। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें एक लाख रुपये का नकद इनाम देने और उनकी नौकरी वापस दिलाने का आश्वासन दिया है।
शुक्रवार को वारिस खान ने राजगढ़ कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा से मुलाकात की। कलेक्टर ने उन्हें उनकी बहादुरी के लिए जिले का पहला गुड सेमेरिटन मानते हुए पांच हजार रुपये का चेक भी प्रदान किया। कलेक्टर ने कहा कि जो व्यक्ति बिना किसी लाभ की अपेक्षा किए, दुर्घटना या आपातकालीन स्थिति में घायल व्यक्ति की मदद करता है, उसे ‘गुड सेमेरिटन’ कहा जाता है। शासन ऐसे लोगों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करता है। वारिस खान ने एबी रोड हाईवे पर कार पलटने की घटना में शिवपुरी के परिवार के सात लोगों की जान बचाकर सच्ची मानवता का परिचय दिया है। कलेक्टर ने कहा कि वारिस खान जिले के पहले गुड सेमेरिटन पुरस्कार के हकदार बने हैं। अब अन्य लोगों को भी, जिन्होंने इस तरह के कार्य किए हैं उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए योजना बनाई जा रही है।