आजादी के 77 साल बाद भी कई गांव विकास की मुख्यधारा से कटे हुए हैं। सिरमौर विधानसभा की ग्राम पंचायत रौली अंतर्गत ग्राम कैथी इसका जीवंत उदाहरण है। यहां के ग्रामीण आज भी सड़क, पुल, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गांव तक पहुंचने के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को नदी-नालों को पार करना पड़ता है। बारिश के दिनों में हालात और भी बदतर हो जाते हैं।
ग्रामीणों ने अपनी सुविधा के लिए बांस की अस्थायी पुलिया बना रखी है, जिससे वे जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते हैं। वर्ष 2022 में सरपंच दीपा तिवारी ने सड़क निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था, लेकिन आज तक सड़क नहीं बन सकी। नतीजतन, ग्रामीणों को झोली बनाकर मरीजों को पैदल अस्पताल ले जाना पड़ता है। हाल ही में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान ग्रामीण अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन सड़क और सुविधा न होने के कारण प्रसव रास्ते में ही हो गया। यह घटना सरकार के विकास के दावों की पोल खोलती है।
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सीधी बात यह है कि गांव पहुंचना आसान नहीं है, मोटरसाइकिल भी गांव तक नहीं जा सकती, पगडंडियों के सहारे पैदल ही जाना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि आज तक कोई जनप्रतिनिधि या अधिकारी उनकी दुर्दशा देखने तक नहीं आया। मामले को लेकर सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह ने कहा कि 'मुझे कुछ नहीं कहना, आप जो लिखना है लिख दीजिए, हमें फर्क नहीं पड़ता'। जिला पंचायत CEO मेहताब सिंह गुर्जर का कहना है कि मीडिया के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है, जांच कर समाधान किया जाएगा।
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