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Sagar News: फुट ओवर ब्रिज से चलती मालगाड़ी पर कूदकर महिला ने दी जान, चार स्टेशन बाद रुकी ट्रेन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर Published by: सागर ब्यूरो Updated Tue, 18 Feb 2025 11:12 AM IST
पश्चिम मध्य रेलवे के कटनी-बिना खंड के जरुआखेड़ा स्टेशन पर सोमवार शाम दिल दहलाने वाली घटना हुई। फुट ओवर ब्रिज पर बैठी एक महिला ने अचानक कोयले से भरी मालगाड़ी पर छलांग लगा दी।
ग्राम बसिया भीती निवासी वंदना यादव (28) जरुआखेड़ा रेलवे स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज पर बैठकर फोन पर बात कर रही थी। इसी दौरान, वह रेलिंग के किनारे पहुंच गई। मौके पर मौजूद लोगों को उसके इरादों पर संदेह हुआ और उन्होंने उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन तब तक वह कोयले से लदी लॉग हॉल मालगाड़ी पर कूद चुकी थी। 120 डिब्बों की इस मालगाड़ी के पीछे से आठवें डिब्बे में महिला गिरी।
रेलवे प्रबंधन की लापरवाही
घटना की सूचना स्टेशन मास्टर घनश्याम शिवहरे को दी गई, लेकिन उन्होंने तुरंत मालगाड़ी नहीं रोकी। नतीजतन, मालगाड़ी चार स्टेशन पार कर गई। आखिरकार, मालखेड़ी स्टेशन से सूचना मिलने पर सेमरखेड़ी स्टेशन पर मालगाड़ी को रोका गया और महिला का शव बरामद किया गया। यदि समय रहते मालगाड़ी रोकी जाती, तो महिला की जान बचाई जा सकती थी।
महिला के ससुर नंदलाल यादव ने बताया कि वंदना का पति महेंद्र यादव दिल्ली में मजदूरी करता है। उसने फोन कर बताया था कि उसकी पत्नी जरुआखेड़ा बैंक या कियोस्क सेंटर से रुपए निकालने गई थी और किसी कटौती से परेशान थी। परिवार के लोग उसे ढूंढने सुमरेरी, खुरई, मालखेड़ी स्टेशन तक गए, लेकिन तब तक यह घटना हो चुकी थी।
शव की तलाश और रेलवे की कार्रवाई
मालगाड़ी में शव की पुष्टि होने पर डिप्टी एसएस सचिन परिहार ने स्टाफ की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया। ओएचई लाइन चालू होने के कारण कपलिंग पर चढ़कर शव की तलाश की गई। महिला का शव पीछे से आठवें कोच में मिला। पंचनामा की प्रक्रिया में समय लगने के कारण रेलवे अधिकारियों ने मालगाड़ी के रैक को दो हिस्सों में विभाजित कर, एक हिस्से को देर रात गंतव्य के लिए रवाना कर दिया, जबकि 60 डिब्बों को रोक लिया गया।
प्रशासन की अनदेखी
इस मामले में जब मालखेड़ी आरपीएफ चौकी प्रभारी विवेकानंद सिंह से जानकारी मांगी गई, तो उनके पास कोई मैसेज नहीं था। स्टेशन मास्टर शरद चौरसिया को भी घटना की जानकारी नहीं थी। बाद में, खुरई जीआरपी से पुष्टि के बाद मालगाड़ी को सेमरखेड़ी स्टेशन पर रोका गया। यह घटना रेलवे प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
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