जिले के सरकारी अस्पताल में मानवता को शर्मशार कर देने वाल मामला सामने आया है। आरोप है कि यहां के डॉक्टर मरीजों का इलाज करने के बदले उनसे पैसे मांग रहे हैं। जिला चिकित्सालय शहडोल से ऐसे मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। मामले की शिकायत भी अधिकारियों से भी की गई, लेकिन कार्रवाई शून्य है। बेटे का इलाज कराने एक गरीब पिता जिला अस्पताल के चार बार चक्कर लगा चुका है, लेकिन उसे केवल निराशा ही हाथ लगी है। जिला अस्पताल में पदस्थ एक चिकित्सक ने इस लिए उसके पुत्र का इलाज नहीं किया कि क्योंकि उसके पास चिकित्सक को देने के लिए पैसे नहीं थे।
मामला जिला अस्पताल शहडोल का है। शिकायतकर्ता सुभदीप सोनी ने आरोप लगाया कि वह शहडोल के बिजली विभाग कॉलोनी के पास रहता है। उसके पुत्र सौर्य सोनी 15 के हाथ में गिल्टी है।जिसका इलाज करवाने वह जिला अस्पताल 21.08 को गया था। पर्ची कटवाने के बाद वह सर्जरी विभाग के डॉ. वी पी पटेल से मिला। चिकित्सक ने बच्चे की गिल्टी देख पिता को बताया कि इसे तत्काल ही ऑपरेशन करके निकलना पड़ेगा, लेकिन उसके लिए पैसे देने होंगे। ऐसा सुभदीप सोनी का आरोप है। उन्होंने आज मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर से एक लिखित शिकायत कर इस मामले में घूसखोर डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है।
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शिकायतकर्ता पिता ने शिकायत में बताया कि वह पहली बार में डॉक्टर को बता चुका था कि वह एक मजदूर है। उसके पास तीन हजार रुपये नहीं है। इसलिए वह डॉक्टर को नहीं दे पा रहा था। कुछ दिनों बाद वह पुनः जिला अस्पताल पहुंचा, जहां फिर वही डॉक्टर मिला, लेकिन उसने फिर वही पैसे की मांग की जिससे सौर्य का इलाज अब तक नहीं हो सका है। पीड़ित पिता ने जनसुनवाई में मदद की गुहार लगाई है और अपने पुत्र के इलाज के साथ दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है। पिता ने बताया कि वह जिला अस्पताल के चार बार चक्कर लगा चुका है।
बीते दिनों भी ऐसा मामला प्रकाश में आया था, जहां सोहागपुर के रहने वाले रितेश गुप्ता से डॉक्टर वीपी पटेल ने पैसे की मांग की थी, जिसकी शिकायत कलेक्टर और कमिश्नर से की गई थी। अधिकारियों ने मामले पर जांच टीम बनाई, लेकिन कार्रवाई अब तक अधूरी है। वहीं, इस मामले में जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. शिल्पी सराफ से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।