उज्जैन की कृषि उपज मंडी में शुभ मुहूर्त का आयोजन बड़े उत्साह के साथ हुआ। इस दौरान चना रिकॉर्ड 13 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिका जबकि सोयाबीन मात्र 4,600 रुपये क्विंटल बिकी। पिछले वर्षाें में मुहूर्त पर यह भाव 6 हजार रुपये तक गया था।  
मंडी अध्यक्ष जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मुहूर्त के सौदों में व्यापारियों ने किसानों को उच्चतम भाव देने का प्रयास किया। इस दौरान चना रिकॉर्ड 13 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिका, जो प्रदेश में उच्चतम भाव रहा, साथ ही गेहूं के भी अच्छे भाव लगे। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश सरकार की किसानों को उचित पैसा दिलाने की मंशा के अनुरूप है। हालांकि सोयाबीन के भाव को लेकर किसानों में निराशा देखने को मिली। एक किसान ने बताया कि उनकी सोयाबीन मात्र 4,600 रुपये क्विंटल बिकी, जबकि पिछले वर्षाें में मुहूर्त पर यह भाव 6 हजार रुपये तक जाता था। 
उन्होंने बताया कि सोयाबीन की कम कीमत से लागत भी नहीं निकल पा रही है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि भावांतर योजना के पंजीयन के बाद सरकार से लाभ मिलेगा। एक किसान प्रतिनिधि ने मुहूर्त के सौदों में केवल बैलगाड़ी को प्राथमिकता देने पर सवाल उठाए और मांग की कि ट्रॉली को भी लॉटरी सिस्टम में शामिल किया जाए।
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उन्होंने यह भी चिंता व्यक्त की कि भावांतर योजना चालू होने में देरी हुई है, जिससे 70 प्रतिशत किसान अपनी उपज पहले ही औने-पौने दाम पर बेच चुके हैं और अब उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने पंजीयन में लगने वाले शुल्क और बीमा संबंधी समस्याओं पर भी असंतोष व्यक्त किया। 
मंडी अध्यक्ष ने सभी किसान भाइयों और व्यापारी साथियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस बार भी भाव पुराने से कम नहीं गए हैं और ईश्वर से प्रार्थना की कि सभी किसान धन-धान्य से संपन्न हों। यदि फसल बिक्री की बात करें तो मुहूर्त के सौदों में सोयाबीन 6213, गेहूं 3751 और डॉलर चना 13013 रुपए के भाव बिका। जबकि पिछले साल सोयाबीन 7411 रुपए प्रति क्विंटल, गेहूं 5151 रुपए प्रति क्विंटल बिका, मक्का 5353 रुपए प्रति क्विंटल और डॉलर चना 20,051 प्रति क्विंटल के भाव से बिका था।