उज्जैन के माकड़ोन गांव के किसानों ने आज डेलची गांव के किसानों पर आरोप लगाया कि बीती रात उनकी मोटर और पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाया गया है। इसके बाद आक्रोशित होकर माकड़ोन के 200 से ज्यादा किसानों ने चक्काजाम कर दिया।
पूरा मामला कुछ इस प्रकार है कि पैतीसा डेम के पानी के बंटवारे को लेकर माकड़ोन और डेलची गांव के किसानों के बीच पिछले करीब 6 वर्षों से विवाद चल रहा है। आरोप है कि रात के समय डेलची के कुछ लोगों ने डेम से माकड़ोन की ओर जा रही पाइपलाइन की मोटर उखाड़कर फेंक दी और कई पाइप तोड़ दिए। इस घटना से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उनकी फसलों की सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति भी बाधित हो गई।
सुबह जब करीब 35 से अधिक किसानों की पाइपलाइन टूटी हुई मिली, तो आक्रोशित होकर माकड़ोन के 200 से ज्यादा किसानों ने चक्काजाम कर दिया। गांव के राधेश्याम ने बताया कि परमिशन मिलने के बाद भी डेलची के लोग फसल पकने की कगार पर रहती है, तब मोटर, पाइप और स्टार्टर को नुकसान पहुंचाते हैं। कई बार शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे 20 से 25 हजार रुपये तक का नुकसान हुआ है।
जिले के माकड़ोन में पानी के बंटवारे को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवाद के बाद किसानों का आक्रोश फूट पड़ा। डेम के पानी को लेकर हुए विवाद के चलते माकड़ोन के किसानों ने मंडी गेट के बाहर चक्काजाम कर दिया। जाम के कारण कई घंटे तक सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं और आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। किसानों के समर्थन में महिलाएं भी अपने काम छोड़कर प्रदर्शन में शामिल हो गईं।
किसानों का कहना है कि इस समय गेहूं की फसल के लिए अधिक पानी की आवश्यकता है, जबकि डेम में पानी की कमी बनी हुई है। इसी वजह से हर साल पानी के बंटवारे को लेकर दोनों गांवों के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है।
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तहसीलदार नवीन कुंभकार ने बताया कि बीती रात कुछ किसानों द्वारा पाइपलाइन और मोटर नष्ट किए जाने की घटना सामने आई है। किसानों ने नुकसान की भरपाई और पानी के अधिकार की मांग की है। मामले में पुलिस ने 15 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। मौके पर पुलिस और प्रशासन की टीम भेजी गई है, जो नुकसान का आकलन करेगी और पानी के विवाद को आपसी बैठक के जरिए सुलझाने का प्रयास करेगी।