उज्जैन पुलिस ने नकली नोट छापकर बाजार में खपाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने पांच आरोपियों से 4 लाख 97 हजार रुपये के नकली नोट, नकली नोट बनाने की सामग्री और मोबाइल फोन जब्त किए।
मामला ऐसे खुला
अमरदीप नगर निवासी होरीलाल प्रजापति की मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान पर ग्राहक दुर्गेश ने वॉशिंग मशीन और मोबाइल खरीदते समय 23 हजार रुपये दिए। नोट संदिग्ध लगने पर जांच हुई और थाना माधवनगर में धारा 178, 179, 180 बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया गया।पुलिस ने दुर्गेश को पकड़ा तो उसने बताया कि उसके साथी शुभम और शेखर ने प्रहलाद और कमलेश से 90 हजार रुपये देकर 3 लाख रुपये नकली नोट लिए थे। इसके बाद तीनों ने नोट बाजार में खपाना शुरू किया।
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जेल में बनी साजिश
पूछताछ में सामने आया कि नकली नोट बनाने की योजना कमलेश और प्रहलाद ने भेरूगढ़ जेल में सुनील पाटिल से मिलकर बनाई थी। तीनों ने देवास में मिलकर नोट बनाना शुरू किया। देवास पुलिस ने पहले ही सुनील को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से 500 रुपये के 99, 200 रुपये के 1285, 100 रुपये के 1905 नकली नोट (कुल 4.97 लाख रुपये) के साथ सीपीयू, कलर प्रिंटर, कैंची, हरा पॉलिथिन, बटर पेपर, पेपर कटर, स्केल, केमिकल आदि जब्त किया है।
गिरफ्तार आरोपी
दुर्गेश डाबी (22), ग्राम देवली, तराना, उज्जैन
शुभम कडोदिया (22), गिरीराज रतन कॉलोनी, उज्जैन
शेखर यादव (31), महानंदा नगर, उज्जैन
प्रहलाद (54), ग्राम गोलवा, तराना, उज्जैन
कमलेश लोधी (48), छोटी मायापुरी, उज्जैन
सुनील पाटिल (32), ग्राम खकनार, बुरहानपुर (वर्तमान में देवास जेल में निरुद्ध)
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