गर्मी आते ही संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में यूनिट ठप होने का सिलसिला चालू हो गया है। 210 मेगावॉट क्षमता की दो यूनिट बंद हो गई हैं, जिससे आगामी दिनों में बिजली संकट गहरा सकता है। बताया जा रहा है कि इन यूनिटों को मेंटेनेंस के लिए बंद किया गया है, लेकिन मेंटेनेंस के नाम पर हर साल लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद बार-बार तकनीकी खामियां सामने आ रही हैं।
जानकारी के अनुसार संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (MPPGCL) के अंतर्गत आता है और राज्य की प्रमुख बिजली उत्पादन इकाइयों में से एक है। यह संयंत्र प्रदेश की विद्युत आपूर्ति में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन मेंटेनेंस के बावजूद बार-बार यूनिटों के बंद होने से सवाल उठने लगे हैं।
स्थानीय कर्मचारियों और बिजली विभाग के सूत्रों का कहना है कि यदि इन यूनिटों को जल्द शुरू नहीं किया गया, तो गर्मी के मौसम में बिजली कटौती की समस्या बढ़ सकती है। पहले से ही बिजली की मांग बढ़ रही है और ऐसे में उत्पादन में कमी प्रदेशभर में संकट खड़ा कर सकती है।
ये भी पढ़ें- CM ने किया लंबित शिकायतों का निपटारा, लापरवाही पर 20 कर्मचारियों पर निलंबन और नोटिस की कार्रवाई
मुख्य अभियंता से संपर्क नहीं हो सका
इस मामले में जब मुख्य अभियंता एचके त्रिपाठी से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इससे यह सवाल उठता है कि आखिर यूनिटों के बार-बार बंद होने की असली वजह क्या है और इसे लेकर उच्च अधिकारी क्या कदम उठा रहे हैं।
बिजली संकट की आशंका
राज्य में गर्मी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग में भी इजाफा हो रहा है। वर्तमान में प्रदेश के कई जिलों में पहले से ही अघोषित बिजली कटौती हो रही है, जिससे उद्योग, कृषि और घरेलू उपभोक्ता प्रभावित हो रहे हैं। यदि जल्द ही बंद पड़ी यूनिटों को शुरू नहीं किया गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
ये भी पढ़ें- भोपाल ननि कमिश्नर बैठक से गायब, फोन तक नहीं उठाया, जनप्रतिनिधि नाराज, सांसद बोले- यह जनता का अपमान
विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली उत्पादन केंद्रों के मेंटेनेंस कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुधारने की जरूरत है, ताकि बार-बार तकनीकी खामियां न आएं। इसके साथ ही अधिकारियों को जवाबदेही तय करनी होगी, जिससे राज्य के उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।