अलवर शहर के एम.आई.ए क्षेत्र स्थित लॉर्ड क्लोरो-एल्कलीज फैक्ट्री में क्लोरीन गैस रिसाव की सूचना पर बुधवार को जिला प्रशासन, NDRF और पुलिस ने संयुक्त रूप से हाई-लेवल मॉक ड्रिल का आयोजन किया। यह अभ्यास औद्योगिक क्षेत्र में संभावित रासायनिक दुर्घटना की स्थिति में प्रशासनिक, पुलिस और बचाव एजेंसियों की तैयारी का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से किया गया था।
एडीएम सिटी बीना महावर ने बताया कि मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना और किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है। ड्रिल के दौरान गैस रिसाव की काल्पनिक स्थिति तैयार की गई। अलर्ट मिलते ही फायर ब्रिगेड, NDRF, प्रशासनिक टीमें और मेडिकल यूनिट तुरंत मौके पर पहुंचीं। कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने, क्षेत्र को सील करने और रेस्क्यू ऑपरेशन को वास्तविक परिस्थितियों की तरह अंजाम दिया गया।
एडिशनल एसपी शरण कांबले ने जानकारी दी कि पुलिस ने पूरे क्षेत्र में फौरन कॉर्डन बनाकर रेस्क्यू टीमों के लिए सुरक्षित मार्ग तैयार किया। ट्रैफिक डायवर्जन और भीड़ नियंत्रण की कार्ययोजना भी लागू की गई। उन्होंने कहा कि ऐसे अभ्यास उद्योगिक सुरक्षा को मजबूत करते हैं और पुलिस व प्रशासन की आपदा प्रबंधन क्षमता को बढ़ाते हैं।
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NDRF की टीम ने विशेष उपकरणों की मदद से गैस रिसाव स्थल पर रिस्क असेसमेंट, गैस डिटेक्शन और तकनीकी नियंत्रण की प्रक्रिया का भी सफल प्रदर्शन किया। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी पूरे समय स्थल पर मौजूद रहे और संचालन की निगरानी करते रहे।अधिकारियों ने बताया कि समय-समय पर होने वाले ऐसे मॉक ड्रिल्स से औद्योगिक इकाइयों को भी अपने सुरक्षा मानकों को सुधारने में मदद मिलती है। यह मॉक ड्रिल बिना किसी नुकसान और व्यवधान के सफलतापूर्वक पूरी हुई।