गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय परिसर गुरुवार को छात्रों की आवाज़ और नारों से उस समय गूंज उठा, जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सैकड़ों कार्यकर्ता एवं छात्र नेताओं ने प्रांत सहमंत्री आनन्द निनामा के नेतृत्व में छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर कुलपति का घेराव किया।
कार्यकर्ताओं का कहना था कि पूर्ववर्ती सरकार ने छात्र संघ चुनाव बंद करके छात्रों के साथ घोर अन्याय किया है। चुनाव बंद होने से छात्रों के मुद्दे प्रशासन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे छात्र हित बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में छात्र संघ चुनाव युवाओं के नेतृत्व निर्माण का सबसे बड़ा माध्यम है, लेकिन सरकार ने इस पर ताला लगाकर लोकतंत्र की हत्या की है। प्रांत सहमंत्री आनन्द निनामा ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार जानबूझकर छात्र संघ चुनाव नहीं करवा रही है। छात्र नेताओं के हक और अधिकार छीने जा रहे हैं। सरकार को डर है कि यहां से निकलने वाले छात्र नेता कुछ भी कर सकते हैं।
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अगर सरकार वास्तव में लोकतंत्र और युवाओं का सम्मान करती है तो तुरंत चुनाव की तिथि घोषित करे। यदि ऐसा नहीं किया गया तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चरणबद्ध और उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसका परिणाम सरकार को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि छात्र संघ चुनाव न केवल छात्रों की समस्याओं के समाधान का मंच है, बल्कि यह छात्रों में नेतृत्व क्षमता, जिम्मेदारी और लोकतांत्रिक मूल्यों को विकसित करने का भी माध्यम है। चुनाव रोककर सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस अवसर पर जिला संयोजक भूमिका निनामा, छात्र नेता राहुल डिंडोर, विनोद मईडा, मेनका तरल, प्रियंका, जया कटारा, विपिन बसेर सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने भी संबोधित किया।