मानसून की सुस्त चाल के बीच आखिरकार रविवार को बादलों ने चुप्पी तोड़ी और बांसवाड़ा जिले के घाटोल सहित कई क्षेत्रों में झमाझम बारिश हुई। आठ दिनों के लंबे इंतजार के बाद आई इस बारिश से जहां मौसम ने राहत दी, वहीं घाटोल कस्बे में तेज बारिश ने जलभराव की समस्या खड़ी कर दी।
शनिवार रात से शुरू हुआ सिलसिला
शनिवार देर रात जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में हल्की और रिमझिम बारिश हुई। बारिश की यह शुरुआत रविवार को दोपहर बाद घाटोल में जोर पकड़ गई, जहां अच्छी खासी बरसात हुई। इससे गर्मी और उमस से राहत तो मिली, लेकिन शहर की अव्यवस्थित जल निकासी ने एक बार फिर लोगों की परेशानी बढ़ा दी।
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घाटोल में बारिश से हाईवे पर पानी-पानी
घाटोल में हुई तेज बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग-56 पर भारी जलभराव हो गया। खासतौर से घाटोल कस्बे के बीच से गुजरने वाले हिस्से में घुटनों तक पानी भर गया, जिससे लोगों को रास्ता पार करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई दोपहिया वाहन पानी में बंद हो गए और पैदल राहगीर घंटों फंसे रहे। भारी वाहनों की आवाजाही के चलते जलजमाव के बीच ट्रैफिक भी प्रभावित हुआ।
जलवायु में आई ठंडक, बदला माहौल
बीते सप्ताह भर से बांसवाड़ा का मौसम बदला-बदला सा था। कभी बादल छाते, तो कभी तीखी धूप तपाती थी। मौसम विभाग की कई भविष्यवाणियों के बावजूद बादल बरस नहीं रहे थे, जिससे लोगों में निराशा थी। लेकिन शनिवार की रात शुरू हुई रिमझिम ने माहौल में नमी और ठंडक घोल दी।
रविवार सुबह आठ बजे तक के रिकॉर्ड के अनुसार
माही बांध का जलस्तर भी बढ़ा
माही परियोजना से जुड़ी जानकारी के अनुसार, बांध का जलस्तर 275.60 मीटर तक पहुंच चुका है, जबकि इसकी कुल भराव क्षमता 281.50 मीटर है। बारिश की यह आवक जलस्तर बढ़ाने में सहायक होगी।
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मौसम विभाग के अनुसार, बांसवाड़ा जिले में आगामी दिनों में बारिश की गतिविधियों में और तेजी आ सकती है। यदि इसी तरह की बारिश जारी रही तो माही बांध सहित अन्य जल स्रोतों को भी भरने में मदद मिलेगी और खेती-किसानी को संजीवनी मिलेगी।