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Una Villagers troubled by stray animals in Chak village burst out in anger tied animals in Panchayat Bhawan
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Una: चक गांव में बेसहारा पशुओं से परेशान ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, पंचायत भवन में बांधे जानवर
उपमंडल अंब की बेहड जसवां पंचायत के गांव चक में आज ग्रामीणों का बेसहारा गौवंश को लेकर गुस्सा फूट पड़ा। अपनी मक्की की फसलें चौपट होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने इन आवारा पशुओं को पकड़कर पंचायत भवन के प्रांगण में बांध दिया और पंचायत से समाधान की मांग की। ग्रामीणों का आरोप है कि लोग गायों को घर में रखते हैं और उनके बछड़ों को खुले में छोड़ देते हैं, जिससे ये जानवर खेतों में घुसकर मक्की और अन्य फसलों को पूरी तरह नष्ट कर रहे हैं। गांव के किसान रविंद्र कुमार का कहना है कि मक्की की फसल के लिए जुताई, बीज, दबाई और अन्य कृषि कार्यों में दिन-रात मेहनत कर पैसा खर्च किया जाता है, लेकिन आवारा पशु उनकी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार पंचायत प्रधान को शिकायत दी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। आजिज आकर ग्रामीणों ने खुद ही पशुओं को पकड़ कर पंचायत भवन के आगे बांध दिया और चेतावनी दी कि यदि अब भी समाधान नहीं निकाला गया तो वे इन पशुओं को जिला प्रशासन के कार्यालय के बाहर बांध देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि हाई कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि बेसहारा पशुओं की देखरेख और नियंत्रण की जिम्मेदारी पंचायतों की है, लेकिन पंचायत इस जिम्मेदारी से बचती आ रही है। वहीं कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पशुपालन विभाग की भी इस मामले में निष्क्रियता है। एक और बड़ी समस्या यह सामने आई कि गौशालाएं इन बेसहारा पशुओं को रखने के लिए प्रति पशु ₹2100 से ₹3100 तक की मांग करती हैं, जो गरीब किसानों के लिए असंभव है। इससे निराश होकर ग्रामीणों को यह कदम उठाना पड़ा। किसान संजू टेलर ने कहा कि अगर यही हाल रहा तो हमें मजबूर होकर किसानी छोड़नी पड़ेगी। हम मेहनत करके खेतों में अनाज पैदा करते हैं और आवारा पशु उसे बर्बाद कर देते हैं। ये स्थिति गांव की कृषि व्यवस्था को चौपट कर रही है। चक गांव में फैली यह समस्या न केवल किसानों की मेहनत को बर्बाद कर रही है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और पंचायत की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े कर रही है। ग्रामीणों की मांग है कि पंचायत और प्रशासन मिलकर इसका त्वरित समाधान करें, अन्यथा आंदोलन और तेज किया जाएगा। प्रधान नीलम कुमारी का कहना है कि ग्रामीणों की परेशानी से पंचायत भी सहमत है जो पशु पंचायत घर में बांधे गए हैं इनको संबंधित विभाग जा किसी गौशाला से संपर्क करके वहां छोड़ दिया जाएगा।
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