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राम भरोसे पौधों की सुरक्षा, कहीं सूखे-कहीं मवेशी कर गए चट, देखें ग्राउंड रिपोर्ट की वीडियो
पर्यावरण को हरा भरा बनाने की मुहिम कालीन नगरी में फेल होती दिख रही है। सुरक्षा और संरक्षा न होने से पौधे सूखने के साथ ही मवेशी के शिकार बन जा रहे हैं। नौ जुलाई को एक पेड़ मां के नाम थीम पर 13 लाख 41 हजार 700 पौधे रोपने का दावा किया गया, हालांकि धरातल पर ऐसा नहीं है। कई क्षेत्रों में पौधों का उठान तो कर लिया गया, लेकिन अभी तक उसे रोपा नहीं गया। शनिवार को अमर उजाला की टीम ने जिले के विभिन्न स्थानों पर लगाए गए पौधों की हकीकत देखने पहुंची। इस दौरान 90 फीसदी पौधे सुरक्षित मिले, जबकि तीन दिन में ही 10 फीसदी पौधे नष्ट होने की कगार पर पहुंच गए है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि जब तीन दिन में पौधों का यह हाल है तो आने वाले एक से दो महीने में क्या हालत होगी। पौधों की सुरक्षा करना विभाग के लिए एक चुनौती है। वन विभाग को छोड़ दिए जाए, तो सभी विभाग के पौधे भगवान भरोसे हैं। यदि समय पर बारिश होती रही, जिससे अधिकांश पौधे जिंदा है, नहीं तो स्थितियां और विकट होती। मल्लुपुर में वन विभाग का वीआईपी प्लाटटेंशन जो अच्छा है। वहीं विकास भवन से असनाव मार्ग के बाईं पटरी पर करीब 20 से 25 पौधा रोपित किए गए है। सभी पौधे सुखने के कगार पर पहुंच गए है। पौधों में सुखी पत्तिया लटक रही हैं। अभोली ब्लाॅक परिसर में पौध रोपण किया गया है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम नहीं किया है। पांच से सात पौधा मवेशी चट कर गए। वहीं खमरियां नगर पंचायत में एक भी पौधा नहीं लगाया गया है।
औराई ब्लॉक के लक्ष्मणा में 1000 के सापेक्ष 900 पौधा रोपित किया गया। हुसैनीपुर में 400 के सापेक्ष 300, कंसापुर में अभी तक 200 पौधे ही लगाए जा सके है। तियूरी गांव में 1100 के सापेक्ष 800 पौधा रोपित किया गया। इंटवा गांव में प्रधान और लेखपाल ने 100 पौध रोपित करवाए है। गोपीगंज नगर पालिका का दावा है कि लक्ष्य के सापेक्ष में 2200 पौध रोपित किया गया है। लेकिन हकीकत में नहीं दिख रहा है।
लक्ष्य के सापेक्ष में पौधरोपण शत प्रतिशत हुआ है। कुछ विभागों ने अभी पौधरोपण की सूचनाएं नहीं दी है। लक्ष्य के अनुसार सभी विभाग ने वन विभाग के नर्सरी से पौधों का उठान किया है। 70 से 80 फीसदी पौधे बचने पर हम उसे अच्छा मानते हैं। वन विभाग के रोपे गए पौधों की लगातार मानीटरिंग की जा रही है। - विवेक यादव, डीएफओ भदोही
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