सीहोर जिले में स्मार्ट मीटर लगाने के निर्णय को लेकर बिजली उपभोक्ताओं में आक्रोश कम होता नजर नहीं आ रहा है। प्रतिदिन भिन्न-भिन्न स्थानों पर उपभोक्ता इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और ज्ञापन देकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। बिजली कंपनी ने इस बीच एक नई चेतावनी जारी की है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि उपभोक्ता दो दिवस के भीतर अपना बिजली बिल जमा नहीं करते हैं, तो उनके ऑनलाइन कनेक्शन काट दिए जाएंगे। इस घोषणा ने उपभोक्ताओं के बीच और भी अधिक चिंताएं और आक्रोश पैदा कर दिया है।
दरअसल, बिजली कंपनी द्वारा चेतावनी देते वाहन शहर में घूम रहे हैं। इन वाहनों से बिजली उपभोक्ताओं को सूचित किया जा रहा है कि जिनके घर या दुकान पर स्मार्ट मीटर लगे हैं, उनकी बिजली बिल जमा करने की अंतिम तिथि 5 जुलाई थी, जो निकल चुकी है। ऐसे उपभोक्ताओं को सूचना दी जा रही है कि वे दो दिन के अंदर अपना बिल जमा करें, अन्यथा उनका कनेक्शन भोपाल से ऑनलाइन काट दिया जाएगा और बिल जमा होने के उपरांत ही पुनः जोड़ा जाएगा। साथ ही कनेक्शन काटने व जोड़ने की अतिरिक्त राशि 340 रुपए अगले बिल में जुड़कर आएगी। बिजली उपभोक्ता असुविधा से बचने के लिए दो दिवस के भीतर अपना बिल जमा कर दें। बिजली कंपनी के इस तरह के कार्य से उपभोक्ताओं में आक्रोश और बढ़ गया है।
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दो दिन में संभव नहीं है बिल जमा करना
स्थानीय उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर की अनियोजित लागत और उसके संभावित फायदे को लेकर उन्हें सही जानकारी नहीं दी गई है। उनका मानना है कि नया मीटर लगाने की प्रक्रिया उनके लिए परेशानी का सबब बन रही है। पहले से ही स्मार्ट मीटर के बिल "करंट मार" रहे हैं। पहले की अपेक्षा चार गुना तक बिल आ रहे हैं। इसके साथ ही कई उपभोक्ताओं के घर मनमानी राशि के बिल पहुंच रहे हैं, जिन्हें जमा करना संभव नहीं है। बिजली कंपनी स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है। वहीं अब बिजली बिल वसूली के लिए इस तरह की मनमानी की जा रही है। बिल की समयसीमा की चेतावनी ने उपभोक्ताओं में तनाव और बढ़ा दिया है, क्योंकि कई उपभोक्ताओं के लिए दो दिन में बिल जमा करना संभव नहीं है।
बंदूक के साए में लगाए जा रहे मीटर
बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि करीब 10 दिन पहले दशहरा बाग क्षेत्र में एक युवक ने कंपनी कर्मचारी से स्मार्ट मीटर छीनकर तोड़ दिया था। इसके बाद कर्मचारियों ने सुरक्षा की मांग की। अब उनके साथ बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी भेजे जा रहे हैं। सुरक्षाकर्मी केवल सुरक्षा के लिए हैं ताकि स्मार्ट मीटर लगाने वालों के साथ कोई अनहोनी न हो। लेकिन, बंदूक के साए में मीटर लगाए जाने से लोगों में आक्रोश और बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि कंपनी को उपभोक्ताओं के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए और उनकी चिंताओं को सुनना चाहिए। स्थानीय प्रशासन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं का आक्रोश कम हो सके और शांति व्यवस्था बनी रहे। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस स्थिति पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं, ताकि उपभोक्ता और बिजली कंपनी के बीच संचार एवं सहयोग की स्थापना हो सके।
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स्मार्ट मीटर ऑटो कट हो रहे, ऑटो ऑन नहीं
बताया गया है कि समय पर बिल जमा नहीं होने पर स्मार्ट मीटर अपने आप सप्लाई बंद कर देते हैं, जिससे घरों में अंधेरा छा जाता है। लेकिन बिल जमा कर देने के बाद विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से चालू नहीं होती, बल्कि उपभोक्ताओं को विद्युत वितरण कंपनी के दफ्तर के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। भोपाल से आए बिजली विभाग के अधिकारियों ने कार्यशाला में स्पष्ट कहा था कि स्मार्ट मीटर में मानवीय हस्तक्षेप नहीं है। लेकिन उपभोक्ता सवाल कर रहे हैं कि जब सप्लाई अपने आप कट हो सकती है तो बिल जमा करने के बाद अपने आप चालू क्यों नहीं होती? ऐसे में उपभोक्ताओं को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
14 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं सीहोर में
सीहोर के महाप्रबंधक सुधीर शर्मा के अनुसार आरडीएसएस योजना के तहत सीहोर संभाग में 67,051 स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है। अब तक करीब 14 हजार मीटर लगाए जा चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है। सीहोर में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर को लेकर शुक्रवार को शहर कांग्रेस ने कोतवाली चौराहे पर धरना दिया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बिजली कंपनी द्वारा जबरन लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर का नागरिकों द्वारा भारी विरोध हो रहा है। कई जगहों पर लड़ाई-झगड़े की स्थिति बन रही है, जिससे शहर का माहौल खराब होने की आशंका है। नागरिकों का कहना है कि स्मार्ट मीटर खपत से अधिक रीडिंग दे रहे हैं, जब चाहे तब अघोषित बिजली कटौती हो रही है। बिलों की राशि भी अनियमित रूप से बढ़कर आ रही है। नए स्मार्ट मीटर के बिल भी समय पर नहीं दिए जा रहे हैं। इन सभी अनियमितताओं और मनमानी के कारण नागरिकों में भारी आक्रोश है।
गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक (स्मार्ट मीटरिंग सेल) सीके पवार ने कहा कि शहर के लोगों में स्मार्ट मीटर को लेकर जो भ्रांतियां हैं, उन्हें दूर करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद परिसर में रीडिंग लेने की आवश्यकता नहीं रहती। ऑटोमैटिक और सटीक रीडिंग होती है, जिससे मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता और गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहती। उपभोक्ता अपनी प्रतिदिन की बिजली खपत स्मार्ट मीटर के माध्यम से देख सकता है। एसई सुधीर शर्मा ने कहा कि स्मार्ट मीटर ऑटो कट होने की उन्हें जानकारी नहीं है।