मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को उज्जैन में आयोजित राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन में पहुंचे। उन्होंने 22 करोड़ 65 लाख रुपए की लागत से 453 स्मार्ट फिश पार्लर का भूमि-पूजन किया, साथ ही इंदिरा सागर बांध में लगभग 92 करोड़ लागत से 3360 केज परियोजना का डिजिटली भूमि-पूजन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मछुआरा समुदाय को बेहतर जीवन के लिए प्रेरित किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम यादव ने कहा कि भगवान श्रीराम के मित्र महाराज निषादराज ने सबसे पहले श्री राम की प्रभुता को पहचाना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से देश भर में निषाद भाई बहन देश के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। मछुआ समुदाय अपने जीवन को खतरे में डालकर पानी में खेती करता है, यह साहस का कार्य है। मछली और मछुआरों का सदियों से संबंध रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में भी मछुआ कल्याण बोर्ड के माध्यम से कई योजनाएं संचालित हैं। प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार का लाभ दे रही है। मछली पालन भी एक उद्योग है, इसे भी अन्य उद्योगों की तरह सभी सुविधाएं मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 15 से 30 जुलाई तक प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान चलाया जाएगा, जिसमें नागरिकों को नशा ना करने के लिए जागरूक किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल में 40 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक एक्वा पार्क (मछलीघर) का निर्माण किया जा रहा है। सरकार मत्स्य पालन के लिए मछुआरों को अनुदान देगी। राज्य सरकार ने प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाया है, जिसका लाभ मछुआरों को भी मिल रहा है। सरकार के प्रयासों द्वारा आज प्रदेश में 55 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई हो रही है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना से सिंचाई का रकबा 100 लाख हेक्टेयर तक पहुंचेगा। कई तालाब भी बनाए जाएंगे। मछलियां कई लोगों के लिए आजीविका का साधन हैं। इंदिरा सागर सहित अन्य जलाशयों में तीन लाख से अधिक केज स्थापित किए जाएंगे। इसके पहले मुख्यमंत्री डॉ यादव द्वारा मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग एवं मध्यप्रदेश मत्स्य महासंघ (मर्यादित) द्वारा राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन में लगाई गयी प्रदर्शनी मे विभिन्न प्रजातियों की मछली एवं मत्स्य से जुड़े नए-नए नवाचारो के मॉडल का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्वलित कर एवं भगवान निषादराज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर राज्य स्तरीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन में उज्जैन जिले के मप्र मछुआ कल्याण बोर्ड अध्यक्ष सीताराम बाथम, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर निगम सभापति कलावती यादव, संभागायुक्त संजय गुप्ता, मत्स्य महासंघ की मैनेजिंग डायरेक्टर निधि निवेदिता, कलेक्टर रौशन कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा, जिला पंचायत सीईओ जयति सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में मत्स्य पालक उपस्थित रहे।
मछुआरों को 430 मोटरसाइकिलें बांटी गई
मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा 430 मोटरसाइकिल विद आइस बॉक्स के स्वीकृति पत्र और 100 यूनिट्स का वितरण किया। प्रदेश में वर्तमान में 4.4 लाख हेक्टेयर में मछली पालन कार्य हो रहा है, वर्ष 2024-25 में प्रदेश का मछली उत्पादन 3.81 लाख मैट्रिक टन रहा। प्रदेश में लगभग 2 लाख से अधिक मत्स्य पालक पंजीकृत हैं। महिलाएं भी इस व्यवसाय में अग्रणी हैं। उन्होंने कहा कि 217 करोड़ लागत से मछली बीज उत्पादन के लिए आधुनिक हैचरी का निर्माण किया जाएगा। इससे बीज के लिए बंगाल पर निर्भरता खत्म होगी। हमारी सरकार दूध उत्पादन और मत्स्य उत्पादन में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। बदलते समय में मछली पालन क्षेत्र में आधुनिक मशीनों का उपयोग और स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं।
मछुआ कल्याण विभाग प्रदेश मे कई उपलब्धियां अर्जित करेगा
मछुआ कल्याण एवं मत्स्य पालन मंत्री नारायण सिंह पंवार ने कहा कि प्रदेश सरकार मत्स्य पालकों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव नेतृत्व और मार्गदर्शन में प्रदेश में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद पिछड़े मछुआ समुदाय को मुख्य धारा में लाने की पहल शुरू की गई है। मछुआरों को व्यापार संचालन के लिए मछुआ क्रेडिट कार्ड बांटे जा रहे हैं। वर्ष 2028 तक मछुआ कल्याण विभाग प्रदेश में कई उपलब्धियां अर्जित करेगा।