बाड़मेर में कालबेलिया जोगी समाज के एक युवक की मौत के बाद रविवार रात शव के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद खड़ा हो गया। परिजनों ने वन विभाग क्षेत्र में स्थित श्मशान भूमि पर अंतिम संस्कार करने की कोशिश की लेकिन उन्हें वहां ऐसा करने की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद आक्रोशित समाज के लोग शव को उठाकर कलेक्टर कार्यालय के आगे ले जाने के लिए वहां से रवाना हुए।
लेकिन बीच रास्ते मे चोहटन रोड पर पुलिस और प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। इसके विरोध में समाज के लोगों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया और प्रशासन से श्मशान घाट के लिए भूमि आवंटन की मांग की। उनका कहना था कि समाज के लोगों को अंतिम संस्कार के लिए उचित स्थान मिलना चाहिए।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह चांदावत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जस्साराम बॉस, और उपाधीक्षक रमेश कुमार शर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की और श्मशान घाट के लिए भूमि आवंटन का आश्वासन दिया लेकिन परिजन लिखित में आश्वासन की मांग पर अड़े रहे। मुख्य सड़क पर इस प्रदर्शन की वजह से मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई, जिसे देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस के जवान और अधिकारी मौके पर पहुंचे। मामले को सुलझाने के लिए अधिकारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी।
एडीएम राजेंद्र सिंह चांदावत ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि श्मशान घाट के लिए नियमानुसार भूमि आवंटन किया जाएगा। इधर शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी को घटना की जानकारी मिली तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठे कालबेलिया समाज के लोगों से वार्ता की।
विधायक भाटी ने समाज के लोगों को शांत किया और उनकी मांगों को सुनने का आश्वासन दिया। उनकी समझाइश के बाद परिजन शांत हुए और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने पर सहमत हुए। इसके बाद शव को गाड़ी में डालकर अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया। कालबेलिया समाज की परंपरा के अनुसार युवक का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान विधायक, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे।