'कैच द रेन' अभियान के तहत वर्षा जल संग्रहण और जन भागीदारी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी को प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार से सम्मानित किया। टांका निर्माण के जरिए बारिश के पानी को सहेजने की अभिनव पहल के तहत प्रथम श्रेणी में चयनित बाड़मेर जिले को 2 करोड़ रुपए के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह के दौरान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी को यह पुरस्कार प्रदान किया। इस दौरान राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मु ने केंद्र और राज्य सरकारों, जिला प्रशासनों, ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के स्तर पर जल संरक्षण और उसके सुसंगत प्रबंधन को प्राथमिकता देने पर बल दिया। उन्होंने किसानों और उद्यमियों को जल का उपभोग कम करते हुए उत्पादन को अधिकतम करने के नवोन्मेषी तरीके अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि प्रभावी जल प्रबंधन केवल व्यक्तियों, परिवारों, समाज और सरकार की भागीदारी से ही संभव है।
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इधर बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने इस सफलता का श्रेय बाड़मेर जिले की प्रशासनिक अधिकारियों एवं कार्मिकों की टीम को देते हुए बताया कि टीम वर्क के चलते ही यह कामयाबी मिल पाई है। आगामी समय में इसी दिशा में बेहतरीन कार्य करने का प्रयास किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बाड़मेर जिले में बारिश के पानी को सहेजने के लिए वृहद स्तर पर टांकों का निर्माण कराया गया है। इसकी बदौलत अब तक व्यर्थ में बहने वाले बारिश के पानी को ग्रामीण पेयजल के बतौर इस्तेमाल कर रहे है। इस अभियान के तहत जल संरक्षण के लिए जल संरचनाओं में भवनों की छतों पर वर्षा जल संचयन के साथ ही झीलों, तालाबों और बावड़ियों का पुनरुद्धार किया जाता है।
प्रथम जल संचय जन भागीदारी (जेएसजेबी) सम्मान के अंतर्गत इस वर्ष कुल 100 पुरस्कारों की घोषणा की गई। इनमें तीन शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य, 67 जिले, छह नगर निगम एक शहरी स्थानीय निकाय, दो सहयोगी मंत्रालय, विभाग, दो उद्योग, तीन गैर सरकारी संगठन, दो परोपकारी और 14 नोडल अधिकारी शामिल हैं।