बाड़मेर के बहुचर्चित कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले में सीबीआई ने दोबारा जांच शुरू कर दी है। यह कार्रवाई जोधपुर की विशेष सीबीआई कोर्ट द्वारा 16 अप्रैल 2025 को सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करने के बाद शुरू हुई है। दरअसल कोर्ट ने इस मामले में दो आईपीएस अधिकारियों सहित 24 पुलिसकर्मियों और तत्कालीन राजस्व मंत्री और वर्तमान बायतू विधायक, उनके भाई और तत्कालीन आईजी की भूमिका की जांच के भी निर्देश दिए हैं। सीबीआई को दो महीने में अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा गया है।
ऐसे में जानकारी के मुताबिक सीबीआई की एक टीम बाड़मेर पहुंच चुकी है और सर्किट हाउस में कैंप स्थापित कर जांच शुरू कर दी है। यह टीम कोर्ट द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब तलाशेगी और मामले से जुड़े सबूतों की पुन: जांच करेगी। बता दें कि सीबीआई ने 31 मई 2021 को मामले की जांच अपने हाथ में ली थी और 5 जुलाई 2021 को FIR दर्ज की थी। लंबी जांच के बाद सीबीआई ने नेगेटिव क्लोजर रिपोर्ट पेश की। जिसमें कहा गया कि फर्जी एनकाउंटर का दावा साबित करना मुश्किल है।
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इस रिपोर्ट को कमलेश की पत्नी जसोदा ने 28 मार्च 2023 को कोर्ट में चुनौती दी। जसोदा के वकील अर्जुनसिंह राठौड़ ने तर्क दिया कि जांच निष्पक्ष नहीं थी। हरीश चौधरी से पूछताछ नहीं हुई और सीसीटीवी फुटेज गायब किए गए। कोर्ट ने इन दावों में दम पाया और क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल 2021 को बाड़मेर में कमलेश प्रजापत के घर पर पुलिस ने छापेमारी की थी। तत्कालीन डीएसपी (एससी-एसटी सेल) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि कमलेश जो एक कुख्यात तस्कर था और पाली के एसएचओ पर हमले के मामले में वांछित था, ने पुलिस पर हमला किया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिसमें कमलेश की मौत हो गई।