उत्तर प्रदेश के एनसीआर की तर्ज पर अब दौसा जिले में 2,100 करोड़ रुपये का कई कंपनियां और व्यापारियों द्वारा इन्वेस्टमेंट लाने की सरकार ने तैयारियां पूरी कर ली है। इसको लेकर राजधानी जयपुर में होने वाली एक बड़ी इन्वेस्टमेंट मीटिंग से पहले दौसा में इन्वेस्टमेंट के लिए इन्वेस्टरों के साथ एमओयू साइन किए गए। इस दौरान राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी मौजूद रहे।
राइजिंग राजस्थान के तहत दौसा में हुई इन्वेस्टर मीटिंग के दौरान मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा है कि दौसा जिला व्यापार के लिहाज से बहुत सुलभ और उचित भौगोलिक दृष्टि का जिला है। यहां से रेल मार्ग सड़क मार्ग सुलभ है। क्योंकि दौसा जिला अब रेल और सड़क मार्ग के चलते लगभग पूरे देश भर से सीधे जुड़ गया है, जिसके चलते अब इन्वेस्टरों का भरोसा दौसा की ओर आने लगा है। यही कारण है कि दौसा में 2,100 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है, जिसके चलते यहां की भौगोलिक स्थिति पूरी तरह एनसीआर की तरह हो जाएगी।
उधर, राठौड़ ने बताया कि दौसा जिला दिल्ली मुंबई कॉरिडोर पर स्थित है। दौसा में दौसा होकर दो एक्सप्रेस हाइवे निकलते हैं। एक जामनगर को जाता है तथा दूसरा मुंबई को जाता है। हर तरीके से यहां जमीन उपलब्ध है। यहां पर सोलर ऊर्जा और रिन्यूअल एनर्जी यहां पर हो सकती है। यहां पर लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति खराब नहीं है। यहां पर मजदूर यूनियन की समस्या नहीं है, यहां पर लोग अनुशासन और मजबूती से काम करने वाले लोग हैं।
इधर, दौसा के बारे में राठौड़ ने कहा कि यहां पर एग्रो प्रोडक्ट भी अच्छी मात्रा में होता है। यहां का बाजार पूरे देश भर में विख्यात है। ऐसा बाजार कहीं भी नहीं होता। यही कारण है कि राजस्थान इन्वेस्टमेंट के लिहाज से काफी उपयुक्त स्थान है और आने वाले चार साल में राजस्थान में इन्वेस्टमेंट की अपार संभावनाएं निकाल कर आएंगी, जिसके लिए सरकार भी पूरी तरह तैयार है। आने वाले चार साल में राजस्थान में राइजिंग राजस्थान के तहत बड़ी मात्रा में परिवर्तन होगा।