जयपुर ज्वेलरी शो में इस बार आस्था, कला और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। शो में जयपुर के एक प्रतिष्ठित ज्वेलर द्वारा तैयार किया गया विशेष सोने का नेकलेस लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस नेकलेस की खासियत यह है कि इसमें प्रभु श्रीराम के संपूर्ण जीवन दर्शन को कलात्मक रूप से उकेरा गया है। यह केवल एक आभूषण नहीं, बल्कि राम कथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करने वाली एक दुर्लभ और भावनात्मक कलाकृति है।
जयपुर के ज्वेलर शुभम ने बताया कि इस विशेष नेकलेस को धनुष के आकार में डिजाइन किया गया है, जो स्वयं भगवान श्रीराम के शौर्य और मर्यादा का प्रतीक है। नेकलेस के मध्य भाग में भव्य राम दरबार दर्शाया गया है, जिसमें प्रभु श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और भक्त हनुमान की मनोहारी आकृतियां उकेरी गई हैं। इसके साथ ही राम कथा के प्रमुख प्रसंगों को अलग-अलग पैनल में दर्शाया गया है।
नेकलेस में प्रभु श्रीराम के बाल्यकाल, गुरुकुल शिक्षा, वनवास, लंका विजय और रामराज्य की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण चरणों को बेहद सूक्ष्म और कलात्मक ढंग से उकेरा गया है। हर पैनल एक-दूसरे से जुड़कर पूरी राम कथा का प्रवाह प्रस्तुत करता है, जिससे इसे देखने वाला व्यक्ति एक ही नजर में रामायण की यात्रा का अनुभव कर सकता है।
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शुभम के अनुसार, इस अनूठे नेकलेस को तैयार करने में लगभग 6 से 7 महीने का समय लगा है। इसमें पारंपरिक भारतीय हस्तकला और आधुनिक तकनीक का संतुलित उपयोग किया गया है। कारीगरों ने माइक्रो एंग्रेविंग तकनीक के माध्यम से सोने पर बेहद बारीक आकृतियां उकेरी हैं, जिससे हर पात्र की भाव-भंगिमा और दृश्य की गहराई स्पष्ट नजर आती है। इस नेकलेस में लगभग 600 ग्राम से अधिक सोने का उपयोग किया गया है।
नेकलेस की एक और खास बात यह है कि इसमें राम सेतु का दृश्य भी दर्शाया गया है। इसके साथ ही अशोक वाटिका में भगवान हनुमान और माता सीता के संवाद को भी कलात्मक रूप में उकेरा गया है। ज्वेलर शुभम का कहना है कि इस कृति का उद्देश्य केवल आभूषण तैयार करना नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुंचाना भी है। प्रभु श्रीराम का जीवन सत्य, मर्यादा, त्याग और कर्तव्य का प्रतीक है और यही संदेश इस नेकलेस के माध्यम से दिया गया है।