राजस्थान के झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी क्षेत्र में रविवार की रात हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। बारिश के चलते काटली नदी में आया तेज उफान इतना विकराल था कि बाघोली से नीमकाथाना को जोड़ने वाली नव-निर्मित सड़क बहाव में बह गई। यह सड़क महज छह महीने पहले करोड़ों रुपये की लागत से बनाई गई थी, लेकिन इसका औपचारिक उद्घाटन तक नहीं हो पाया था।
इस घटना के बाद ग्रामीणों में गुस्सा भड़क गया है और सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क उनके क्षेत्र को एनएच-52 से जोड़ने वाला एकमात्र सीधा मार्ग थी और इस पर वर्षों से उनकी उम्मीदें टिकी थीं।
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बारिश में टूटी सड़क, संपर्क हुआ भंग
जानकारी के मुताबिक, बारिश इतनी तेज थी कि काटली नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया और नदी का प्रवाह नई सड़क के नीचे से गुजरते हुए उसे दो हिस्सों में चीरता हुआ बहा ले गया। इससे बाघोली क्षेत्र का संपर्क पूरी तरह टूट गया और कई गांव एक बार फिर से दुनिया से कट गए। इस दौरान सड़क के दोनों सिरों पर जमा हुआ मलबा और टूटे हुए हिस्सों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं, जो इस आपदा की भयावहता को साफ बयां करते हैं।
ग्रामीणों ने PWD और ठेकेदार की लापरवाही को ठहराया जिम्मेदार
स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा इस बात को लेकर है कि सड़क निर्माण में गंभीर लापरवाही बरती गई। उनका कहना है कि निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता से समझौता किया गया और उचित जल निकासी की व्यवस्था भी नहीं की गई थी। ग्रामीणों ने साफ तौर पर PWD और संबंधित ठेकेदार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने केवल कागजों पर गुणवत्ता का दावा किया, जबकि असल में सड़क एक ही बारिश में बह गई। ग्रामीणों ने दोषी अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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प्रशासन की ओर से निगरानी जारी
बारिश के बाद अब भी काटली नदी में जलप्रवाह तेज बना हुआ है, जिससे क्षेत्र के अन्य हिस्सों में और नुकसान की आशंका है। प्रशासन की ओर से स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और राहत कार्यों के लिए टीमें सतर्क हैं। हालांकि इस पूरी घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सरकारी परियोजनाओं में गुणवत्ता और निगरानी का स्तर आखिर कितना प्रभावी है?