जैसलमेर बस अग्निकांड में मृतकों की संख्या 22 हो चुकी है। हादसे में गंभीर रूप से घायल भागा देवी ने शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं डीएनए रिपोर्ट आने के बाद मृतकों के शव परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फिलहाल एक शव की डीएनए रिपोर्ट नहीं मिल पाई है, जिसे लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल और एम्स की मोर्चरी में रखे शवों का डीएनए मिलान पूरा होने के बाद पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंपे जा रहे हैं। हर एंबुलेंस के साथ पुलिस का एक जवान भी भेजा जा रहा है। हादसे में घायल छह लोग अभी भी वेंटिलेटर पर हैं, जिनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
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जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि जिन शवों की पहचान नहीं हो पाई है, उनके डीएनए मिलान के प्रयास जारी हैं। जैसलमेर जिला प्रशासन से संपर्क कर उन परिवारों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है, जिनके परिजन या परिचित लापता हैं। कलेक्टर ने अपील की है कि जो लोग अपने परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं, वे हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर डीएनए सैंपल देने की प्रक्रिया पूरी करें।
घटनास्थल और अस्पताल में स्थिति पर नजर रखने के लिए जिला प्रशासन, मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल और अस्पताल अधीक्षक खुद मौजूद रहे। वहीं मोर्चरी के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया ताकि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद पोस्टमार्टम और शव सौंपने की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी की जा सके।