लूणी पंचायत समिति के सरेचा गांव में रविवार को 'वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान' और 'मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0' की शुरुआत की गई। इस मौके पर राजस्थान सरकार के संसदीय कार्य, विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। मंत्री पटेल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जल ही जीवन है। हमें पानी और प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस अभियान के जरिए पूरे प्रदेश में जल संरक्षण और पर्यावरण बचाने के लिए कई काम किए जाएंगे।
परंपरागत जल स्रोतों का संरक्षण जरूरी
पटेल ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में सूखा और गर्मी आम बात है। हमारे पूर्वजों ने इन हालातों से निपटने के लिए तालाब, कुएं, बावड़ियां जैसे पारंपरिक जल स्रोत बनाए थे। इनका संरक्षण करना आज हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इस साल जनवरी में ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ नाम से एक और अभियान शुरू किया है। इसके तहत दूसरे राज्यों में बसे प्रवासी राजस्थानी अपने गांवों में पानी बचाने के लिए मदद कर रहे हैं और नई जल संरचनाएं बनवाई जा रही हैं।
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जोजरी नदी के गंदे पानी की होगी सफाई
मंत्री ने कहा कि जोजरी नदी में फैलता गंदा पानी अब वहां के लोगों और जानवरों के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। इससे निपटने के लिए एक योजना बनाई गई है, जिसमें गंदा पानी अब पाइपलाइन से बाहर निकाला जाएगा। पाली जिले से आने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए एनीकट (छोटा बांध) बनाया जाएगा।
पौधारोपण कर दिया गया पर्यावरण बचाने का संदेश
कार्यक्रम के दौरान गांव में कलश यात्रा निकाली गई, तालाब की पूजा की गई और तालाब परिसर में बड़ और पीपल के पौधे लगाए गए। मंत्री पटेल ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने की अपील की और ‘वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान’ की शपथ भी दिलाई। इस मौके पर सरेचा की सरपंच मोहनी पटेल, जिला परिषद सदस्य चैनाराम पटेल, सरपंच वागाराम पटेल, सरपंच सूजाराम, पंचायत समिति सदस्य श्रवणराम सारण, उपखंड अधिकारी पुखराज कंसोटिया, जल संसाधन विभाग के अभियंता भागीरथ बिश्नोई, तहसीलदार इमरान, विकास अधिकारी कंवरलाल सोनी, और बड़ी संख्या में अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे।