राजस्थान के कोटा जिले में मंदिर की जमीन के सौदे को लेकर पुजारी को धमकाने के बाद रिमांड अवधि खत्म होने के बाद शुक्रवार को कख्यार गैंगस्टर शिवराज सिंह और उसके साथियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। कुन्हाड़ी थाना पुलिस की तरफ से सभी बदमाशों का पांच दिन का पुलिस रिमांड मांगा है, जिसके बाद कोर्ट ने तीन दिन के पुलिस रिमांड के आदेश दिए हैं। आज कोर्ट में फिर से पेशी के दौरान कोर्ट के अंदर इंटेलिजेंस चप्पे-चप्पे पर तैनात रही। ऐसे में जब तक गैंगस्टर को वापस कोर्ट से नहीं ले जाया गया। तब तक पुलिस की सांसें भी फूलती रहीं और पूरा काॅरीडोर बनाकर ही सभी बदमाशों को कोर्ट में पेश किया गया।
शहर पुलिस अधीक्षक डाॅ. अमृता दुहन बताया कि इसके पहले लिए गए रिमांड के दौरान पूछताछ में कई अहम जानकारी पुलिस को मिली। पुलिस ने बदमाशों के पास से आधुनिक गन, 20 कारतूस, और एक बैवले एन्ड स्काड रिवाल्वर, 50 कारतूस बरामद किए हैं। इसके अलावा वारदात में इस्तेमाल यूपी नंबर की एक फाच्र्यूनर के अलावा रंगदारी में वसूले हुए 7 लाख रुपये से अधिक राशि बरामद की गई है। वहीं, गैंगस्टर शिवराज के खिलाफ कोटा शहर, ग्रामीण, अजमेर, भीलवाड़ा सहित कई जिलों में 18 से अधिक अपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती के मामले में शामिल है। शिवराज से पुछताछ के दौरान एक दर्जन से अधिक अवैध रंगदारी, अवैध रूप से धमकाकर जमीनों, प्लाटों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर अवैध कब्जा करना सामने आया है।
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बता दें कि इसके पहले कोर्ट पेशी के दौरान वापस आते समय गैंगस्टर शिवराज सिंह ने झूठे मामले में फंसाने की बात कही थी और कोटा के उद्योगपति दिपक राजवंशी और उसक आकाओं का नाम लिया था। उसके बाद जब पुलिस गैंगस्टर की परेड निकाल रही थी, तब उसने एक बार फिर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए हाड़ौती में खून बहाने की धमकी दी थी। चिल्ला-चिल्लाकर कहा था एक बार फिर हाड़ौती में खून बहेगा। इस मामले में पुलिस ने शिवराज के खिलाफ एक ओर प्रकरण दर्ज किया है जिसकी जांच की जा रही है।
ऐसे बना कुख्यात गैंगस्टर
बता दें कि गैंगस्टर शिवराज सिंह के भाइ बृजराज सिं और जितेन्द्र सिंह की 17 अगस्त 2009 को चित्तौडगढ़ में जोगनिया माता मंदिर के पास गैंगस्टर भानू प्रताप सिंह गैंग ने हत्या कर दी थी। हत्याकांड के बाद गिरफ्तार हुए मुख्य आरोपी भानू प्रताप को जब पुलिस पेशी के लिए लेकर जा रही थी। बिजौलिया में शिवराज और उसकी गैंग ने भानूप्रताप सिंह की हत्या कर दी थी। इस पूरी घटना में दो पुलिस कर्मीयों की भी जान चली गई थी। इसके बाद फरारी के दौरान शिवराज ने अपनी पूरी गैंग तैयार कर ली और भानू प्रताप के साथियों को भी धमकी देना शुरू कर दिया।