राजस्थान के एकमात्र हिल स्टेशन माउंटआबू में बीते 24 घंटों के दौरान हुई 146 मिमी बारिश ने जहां पर्यटकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी, वहीं आबूरोड जैसे शहरी इलाकों में बरसाती पानी और अव्यवस्था ने आमजन को परेशानी में डाल दिया। जिलेभर में पिछले दो दिनों से कभी तेज तो कभी रुक-रुक कर हो रही बारिश ने सिरोही, पिंडवाड़ा, शिवगंज, रेवदर और मंडार जैसे इलाकों में भी झरनों और नालों को जीवनदान दिया है।
माउंटआबू की वादियों में हरियाली, खिले झरने
बारिश के चलते माउंटआबू का मौसम बेहद सुहावना हो गया है। पहाड़ियों से बहते झरनों ने प्राकृतिक सौंदर्य को और निखार दिया है, जिससे वीकेंड पर यहां पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी। नक्कीलेक पर चादर चलने से नजारा और भी मनमोहक हो गया है। धुंध और बादलों से घिरे वातावरण में लोग चाय-पकौड़ों का आनंद लेते हुए घूमते नजर आए। गुजरात और महाराष्ट्र सहित देशभर के पर्यटक माउंटआबू की ठंडी फिजाओं और हरियाली का लुत्फ उठा रहे हैं।
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मौसम विभाग के अनुसार, पिंडवाड़ा में 59 मिमी, आबूरोड में 52 मिमी, रेवदर में 46 मिमी, शिवगंज में 23 मिमी और देलदर में 18 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वासा और वालोरिया बांधों पर भी चादर चल गई है, जिससे आसपास के ग्रामीण इलाकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
आबूरोड में बारिश बनी मुसीबत, नालों की गंदगी सड़कों पर फैली
जहां एक ओर माउंटआबू में बारिश ने राहत दी है, वहीं आबूरोड में बारिश ने व्यवस्था की पोल खोल दी है। नगर क्षेत्र में जलनिकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण कई इलाकों में भारी जलभराव हो गया। अंबाजी रोड पर कुम्हार मोहल्ले के सामने मुख्य मार्ग पानी में डूब गया, जिससे यातायात भी बाधित हुआ।
नालों और नालियों से गंदगी उफनकर सड़कों पर आ गई है, जिससे मच्छरों और मौसमी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोगों ने कई बार नगरपालिका को अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे लोगों में गहरा आक्रोश है।
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प्रशासनिक लापरवाही बनी चिंता का कारण
लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद नालों की सफाई और जलनिकासी के स्थायी समाधान नहीं हो पाए हैं। जागरूक नागरिकों की चेतावनी के बावजूद नगरपालिका अधिकारियों की उदासीनता क्षेत्रवासियों की परेशानी का कारण बन रही है। लोगों का कहना है कि बरसात शुरू होते ही हर साल यही हालात होते हैं, लेकिन समाधान की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं होती।